पुलिस पांच साल में भी नहीं पकड़ पाई पांच लाख के ईनामी भगौड़े को
डेरा प्रवक्ता आदित्य इंसा की गिरफ्तारी के लिए पांच साल का लंबा अंतराल बीत जाने के बावजूद पुलिस हवा में हाथ मार रही है।
सिरसा। हरियाणा के पंचकुला की विशेष अदालत की ओर से डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख को 25 अगस्त 2017 को सजा सुनाये जाने के बाद सिरसा व पंचकुला में हुई हिंसा और आगजनी की घटना के मास्टरमाइंड एवं डेरा प्रवक्ता आदित्य इंसा की गिरफ्तारी के लिए पांच साल का लंबा अंतराल बीत जाने के बावजूद पुलिस हवा में हाथ मार रही है।
पंचकूला स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने 25 अगस्त 2017 को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को बलात्कार के एक केस में सजा सुनाई। सजा सुनाने के बाद पंचकुला व सिरसा में हुई हिंसा व आगजनी में 38 लोग मारे गए जिनमें 33 पंचकुला व छह सिरसा में थे। इसी के साथ 76 वाहन भी आगजनी व हिंसा के शिकार हो गए जिनमें 53 पंचकुला व 23 सिरसा में थे। हालात बदत्तर होते देख कर्फ्यू लगा दिया गया।
पुलिस आयुक्त सौरभ सिंह की अगुवाई में गठित की गई एसआईटी ने अपनी पृथम दृष्टया जाचं में फैली हिंसा व आगजनी की इस सारी कहानी के पीछे आखिर किसका दिमाग काम कर रहा है तो पाया कि डेरा के प्रवक्ता आदित्य इंसा व हनीप्रीत इंसा की मौजूदगी में डेरा प्रमुख की सीबीआई अदालत में पेशी से पहले 41 सदस्यों की एक बैठक हुई जिसमें यह सब तय हुआ। पंचकुला के सेक्टर पांच स्थित थाना में 27 अगस्त 2017 को आदित्य इंसा व हनीप्रीत इंसा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। इसके अलावा विभिन्न थानों में एक सौ सतरह केस और दर्ज हुए। पुलिस ने आदित्य इंसा की गिरफ्तारी के लिए डेरा सच्चा सौदा में दबिश दी तो उसकी काले रंग की एसयूवी कार तो पुलिस को मिल गई मगर आदित्य इंसा नहीं। हनीप्रीत इंसा ने स्वयं को पुलिस के समक्ष पेश कर दिया जिसको बाद में जमानत मिल गई। धीरे-धीरे अन्य आरोपी भी अदालत से जमानत पर आ गए। फिलहाल डेरा प्रमुख खुद भी पैरोल पर हैं।
गौरतलब है कि आदित्य इंसा पहले तो डेरा सच्चा सौदा में अस्पताल में बतौर चिकित्सक नौकरी करने आए मगर बाद में धीरे-धीरे डेरा प्रमुख की प्रबंधन कमेटी में अपनी जगह बनाने के साथ-साथ डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहिम सिंह के अति विश्वास पात्रों में शामिल हो गया। डेरा प्रमुख द्वारा बनाई गई फि ल्मों तक में किरदार मिला ओर हर वक्त डेरा प्रमुख के इर्द गिर्द रहने लगा। डेरा प्रमुख ने आदित्य इंसा को प्रवक्ता की अहम जुम्मेवारी तक दे दी। अब डेरा से जुड़े लोग दबी जुबान में बोल रहे हैं कि डेरा प्रमुख की गिरफ्तारी का खेल कहीं आदित्य इंसा ने ही भूमिगत रहकर रचा हो जो कि पुलिस हाथ नहीं डाल पाई है? आदित्य इंसा को तलाशने में असहाय हुई पंचकुला पुलिस ने पहले एक लाख, फिर दो लाख और इसके बाद पंचकुला की सीजेएम रोहित वत्स की अदालत ने आदित्य इंसा को भगौड़ा करार देते हुए सूचना देने पर ईनाम की राशि बढ़ाकर पांच लाख कर दी। फिलहाल एसआईटी इस हाई प्रोफाईल केस की पड़ताल में लगी हैं मगर हैरानी की बात है कि आज भी मास्टर माइंड आदित्य इंसा की गिरफ्तारी के लिए पुलिस हवा में हाथ मार रही है। जब इस संदर्भ में पंचकुला थाना में एसआईटी सदस्य सब इंस्पेक्टर यशपाल सिंह से बात की गई तो बताया कि फिलहाल आदित्य इंसा उन्हें नहीं मिला है,जाचं पड़ताल में जुटे हुए हैं। कई केस अदालत में चले गए हैं।