कोरोना से मरा व्यक्ति-20 दिन बाद मिला जिंदा-मचा हडकंप

कोरोना वायरस की चपेट में आकर संक्रमित हुए व्यक्ति को मरा हुआ दर्शा दिया गया।

Update: 2021-06-17 09:20 GMT

बागपत। कोरोना वायरस की चपेट में आकर संक्रमित हुए व्यक्ति को मेरठ के एक अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया गया। लगभग 20 दिन पहले कोरोना संक्रमित उक्त व्यक्ति को मरा हुआ दर्शा दिया गया। इतना ही नही कोविड पोर्टल पर भी उस व्यक्ति की मौत होना दर्शाई गई। एक ही नाम के दो व्यक्ति होने पर अधिकारियों ने संदेह के आधार पर जब मामले की जांच पड़ताल कराई तो मृत दर्शाया गया कोरोना संक्रमित रोगी जिंदा मिला। तत्काल ही भूल सुधार करते हुए पोर्टल से उसे मृत व्यक्तियों में से हटाया गया।

दरअसल कोरोना वायरस की तीसरी लहर ने बागपत जनपद के लोगों में भी खूब जमकर कोहराम मचाया है। अप्रैल और मई माह से लेकर अभी तक लगभग 100 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 7000 से भी अधिक लोग कोरोना के वायरस से संक्रमित होकर अपना इलाज कराने को मजबूर हो गए। हालात कुछ ऐसे बन गए थे कि कोरोना संक्रमण का उपचार कराने के लिए बागपत के साथ ही मेरठ और गाजियाबाद के अस्पतालों में भी रोगियों को भर्ती कराना पड़ा था। बागपत से भी गंभीर रोगियों को इलाज के लिए मेरठ रेफर किया जा रहा था। इसी दौरान बागपत शहर का एक रोगी मेरठ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी। इस दौरान अस्पताल प्रशासन ने एक बहुत बड़ी चूक करते हुए उक्त जिंदा रोगी को मृत दर्शा दिया।

उसके मरने की रिपोर्ट भी करीब 20 दिन पहले बागपत प्रशासन को भेज दी गई थी। जिसके चलते रोगी की मौत को पोर्टल पर भी दर्शा दिया गया। अब स्वास्थ्य अधिक विभाग के अधिकारियों को एक नाम के दो व्यक्ति जब पोर्टल पर मरे हुए दिखाई दिए तो उन्हे संदेह हुआ। इसके चलते स्वास्थ्य विभाग की ओर से मामले का वेरिफिकेशन कराया गया। मामले की जांच पड़ताल में पता चला कि जिस रोगी को मेरठ के अस्पताल द्वारा मरा हुआ दर्शाया गया है। वह जिंदा मिला। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने उच्चाधिकारियों को तमाम मामले से अवगत कराते हुए उसके नाम को पोर्टल से हटवा दिया। सीएमओ डॉक्टर आरके टंडन का कहना है कि इस मामले में मेरठ के एक अस्पताल की लापरवाही के चलते जिंदा व्यक्ति को ही मृत दर्शा दिया गया था। 

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