रिश्वतखोरी का आरोपी एआरटीओ प्रवर्तन हुआ सस्पेंड-विभाग मेें हडकंप
निलंबन की अवधि के दौरान वह परिवहन आयुक्त कार्यालय लखनऊ से संबंध किए गए हैं।
गोरखपुर। व्यावसायिक पंजीयन के नाम पर ट्रैक्टर ट्रालियों से अवैध वसूली, माल ढोने वाले वाहनों को थाने में बंद कराकर उनके मालिकों का उत्पीड़न और लक्ष्य के सापेक्ष प्रवर्तन की कार्यवाही नहीं करने के आरोपी सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्र्रवर्तन को शासन ने निलंबित कर दिया है। निलंबन की अवधि के दौरान वह परिवहन आयुक्त कार्यालय लखनऊ से संबंध किए गए हैं।
परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव वेंकटेश्वर लू की तरफ से एआरटीओ प्रवर्तन वीके सिंह के खिलाफ जारी किए गए निलंबन के आदेशों में बताया गया है कि एआरटीओ प्रवर्तन द्वारा सरकारी कामकाज एवं उत्तर दायित्व के निर्वहन के प्रति घोर लापरवाही बरती गई है। उच्चाधिकारियों के दिशा निर्देशों की अवहेलना करने के साथ-साथ एआरटीओ प्रवर्तन द्वारा मांगे गये स्पष्टीकरण का उत्तर नहीं देना भी उसके निलंबन की कारणों में शामिल है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021 की 4 जनवरी को गोरखपुर में एआरटीओ प्रवर्तन के पद पर तैनाती के बाद से बीके सिंह इलाके में अपनी कारगुजारिओ को लेकर जल्दी ही चर्चा में आ गए थे। एआरटीओ प्रवर्तन के ऊपर विभिन्न माध्यमों से रिश्वतखोरी के आरोप लगने लगे थे, जिसके चलते इलाके में डग्गामार वाहनों का जिले के तकरीबन हर मार्गों पर कब्जा हो गया था। एआरटीओ प्रवर्तन ने अपनी निजी कमाई बढ़ाने के चक्कर में रोडवेज को भी चूना लगाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी थी। एआरटीओ प्रवर्तन के निलंबन के बाद परिवहन विभाग में अब चौतरफा हड़कंप मचा हुआ है।