वरमाला डाली- सात फेरे लिये- किन्नर बन गई दुल्हन

कभी-कभी कुछ लोग वो कर बैठते हैं, जिसकी किसी को कल्पना भी नहीं होती। ऐसी ही एक घटना प्रतापगढ़ में हुई है।

Update: 2021-02-17 10:22 GMT

प्रतापगढ़। कभी-कभी कुछ लोग वो कर बैठते हैं, जिसकी किसी को कल्पना भी नहीं होती। ऐसी ही एक घटना प्रतापगढ़ में हुई है। लोक लाज और समाज की सभी बाधाओं को तोड़ते हुए युवक ने जो किया, वह कोई और शायद करने का साहस तक नहीं जुटा सकता। एक ऐसा कार्य, जो शायद पहले नहीं हुआ था, उसी कार्य को प्रतापगढ़ में अंजाम दिया गया है।

एक ऐसी शादी प्रतापगढ़ में हुई, जिसमें सब कुछ वैसे ही था, जैसा कि शादी में होता है। वरमाला हुई, फेरे हुए, बाराती आये। नाच गाना हुआ। पर इसके बावजूद भी यह शादी वैसी नहीं थी, जैसे शादियां आम तौर पर होती हैं। नंदीग्राम भरतकुंड में स्थापित प्राचीन मंदिर में इस शादी का आयोजन किया गया। जो इस शादी को सबसे अलग बनाता है, वह है इस शादी की दुल्हन। जो कि कोई लड़की नहीं थी, जबकि दूल्हा लड़का ही था। यही वह रहस्य है, जो कि इस शादी को यादगार बनाता है। लड़के ने जिससे शादी की, वह लड़की नहीं, वरन किन्नर थीं। लड़के ने अपना जीवनसाथी एक किन्नर को बनाकर समाज के सामने बड़ी मिसाल पेश की है। प्रतापगढ़ निवासी शिवकुमार वर्मा ने प्रतापगढ़ में ही रहने वाली अंजलि सिंह के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सात फेरे लिये और साथ जीने-मरने की कसमें खाई। शादी किन्नर अंजलि सिंह की बहन और बहनोई ने सम्पन्न कराई। इस शादी में दर्जनभर बाराती भी शामिल हुए और सभी ने नवयुगल को मंगलमय जीवन की शुभकामनाएं दीं। एक किन्नर और युवक की प्रेम कहानी इस मोड़ पर पहुंच जायेगी, किसी को भी यकीन नहीं था। गांव के लोग युवक के फैसले की सराहना कर रहे हैं।

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