यास के मद्देनजर तेल एवं गैस कंपनियों ने की तैयारी
यास के ओडिशा में पारादीप और पश्चिम बंगाल में सागर द्वीप के बीच बुधवार को तट से टकराने की संभावना है
नई दिल्ली। पिछले दिनों अरब सागर में आये चक्रवाती तूफान 'ताउते' से हुये नुकसान से सबक लेते हुये तेल एवं गैस क्षेत्र की कंपनियों ने बंगाल की खाड़ी में उठे तूफान 'यास' के लिए तैयारी पूरी कर ली है।
यास के ओडिशा में पारादीप और पश्चिम बंगाल में सागर द्वीप के बीच बुधवार को तट से टकराने की संभावना है।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि तूफान की चपेट में आने वाले सभी साइटों पर काम अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। पेट्रोलियम उत्पाद और कच्चे तेल से लदे पोतों को तूफान के रास्ते से सुरक्षित दूरी पर चले जाने की सलाह दी गई है। तूफान की तीव्रता बढ़ने पर सभी आपरेशन पूरी तरह रोक देने का निर्देश दिया गया है।
ओएनजीसी के काकिनाड़ा स्थित तेल खनन स्थल पर एनवीआर परिसर के रेडियो रूम में नियंत्रण कक्ष बनाया गया है जहां से रिग, प्लेटफॉर्म और पोतों के कर्मचारियों के साथ समन्वय स्थापित किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि 'ताउते' तूफान में सरकारी तेल कंपनी ओएनजीसी की परियोजना के लिए काम कर रहे चार पोत बह गये थे। इनमें से तीन को बाद में बचा लिया गया था जबकि एक पोत तेल खनन प्लेटफॉर्म से टकराकर क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण डूब गया था। अब तक 600 से अधिक लोगों को बचाया जा चुका है जबकि 80 से ज्यादा अब भी लापता हैं। उनकी तलाश की जा रही है।
देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन आयल कॉर्पोरेशन ने बताया कि तूफान से जिन इलाकों के प्रभावित होने की आशंका है वहां डीलरों के पास पर्याप्त मात्रा में पेट्रोल, डीजल, सीएनजी और रसोई गैस का भंडारण किया गया है।
तेल एवं गैस कंपनियों के स्थानीय अधिकारियों से कहा गया है कि वे मौसम संबंधी चेतावनी जैसे तूफान का समय, उसकी गति और उसके मार्ग के बारे में सूचनाओं पर निरंतर नजर रखें। वे स्थानीय प्रशासन से भी संपर्क में रहें और आपदाकाल के लिए जरूरी सभी सावधानियों को अपनायें।
विशाखापत्तनम् स्थित एस.ए.एलपीजी के रसोई गैस भंडार टर्मिनल पर तूफान के गुजरने तक सिर्फ अनिवार्य काम ही होंगे ताकि तूफान के दौरान उपस्थित कर्मचारियों की संख्या कम से कम रहे। खराब मौसम के दौरान पाइपलाइन से रसोई गैस का हस्तांतरण बंद रहेगा।
इंडियन आयल की हल्दिया और पारादीप रिफाइनरी में अतिरिक्त बॉयलरों को चालू रखने के लिए कहा गया है ताकि बारिश के कारण भाप के दबाव में अचानक बहुत ज्यादा कमी न आये। तूफान से बचने के लिए बनाये गये शेल्टरों में पर्याप्त रसोई गैस सिलिंडर की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
वार्ता