तालाब पर हुए अवैध कब्जे ने लोगों का रास्ता रोका- बच्चे गंदे पानी..

तितावी थाना क्षेत्र के गांव साल्हाखेड़ी के तालाब पर किए गए अवैध कब्जों ने लोगों के आने-जाने के रास्ते को रोक दिया

Update: 2023-12-07 09:40 GMT

तितावी। जनपद मुजफ्फरनगर के तितावी थाना क्षेत्र के गांव साल्हाखेड़ी के तालाब पर किए गए अवैध कब्जों ने लोगों के आने-जाने के रास्ते को रोक दिया है। भूमि पर किए गए अवैध कब्जे से ओवरफ्लो हुए तालाब के पानी के रास्ते में भर जाने से बच्चों को गंदे पानी के बीच से ही गुजर कर स्कूल जाने को मजबूर होना पड़ रहा है।  

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सरकारी भूमि, तालाब एवं पशुओं के चारागाह आदि पर किए गए अवैध कब्जों को लेकर गहरी नाराजगी जताने और इन स्थानों से कब्जा हटवाने के आदेशों के बावजूद चरथावल विधानसभा क्षेत्र एवं सदर तहसील क्षेत्र के ब्लॉक बघरा एवं तितावी थाना क्षेत्र के गांव साल्हाखेड़ी के तालाब पर पिछले 20 वर्षों से कुछ दबंग लोगों ने अपना कब्जा कर रखा है। तालाब की जमीन पर अवैध रूप से अतिक्रमण करते हुए वहां पर मकान का निर्माण करने से तालाब की जमीन सिकुड़कर बहुत कम रह गई है। इसी तालाब में गांव के घरों के अलावा बरसात का 75 फ़ीसदी पानी जमा होता है जो भूजल स्तर में इजाफा करने का काम करता है।


लेकिन पिछले 20 साल से तालाब पर दबंगों द्वारा अवैध रूप से किए गए कब्जे की वजह से तालाब छोटा पड़ने से जल्दी ही यह गंदे पानी से भर जाता है। जिसके चलते घरों से निकलने वाला गोबर एवं शौचालय का गंदा पानी गांव के मुख्य मार्ग पर भर जाता है। इसी रास्ते पर प्राथमिक विद्यालय नंबर दो भी स्थित है, जहां पर गांव के सैकड़ों बच्चे शिक्षा ग्रहण करने के लिए रोजाना स्कूल में जाते हैं। लेकिन मुख्य मार्ग के गंदे पानी से लबालब होने की वजह से बच्चों को इसी गंदे पानी से होकर स्कूल जाना और बाद में घर लौटना पड़ता है।

जानकारी मिल रही है कि गांव के लोगों द्वारा कई बार तहसील और पुलिस प्रशासन को शिकायती पत्र देकर तालाब पर किए गए अवैध कब्जे को हटवाने की गुहार लगाई जाती रही है। लेकिन शायद शासन और प्रशासन किसी बड़े संघर्ष की वारदात का इंतजार कर रहा है। जिसके चलते अभी तक तालाब पर हुए अवैध कब्जे को प्रशासन और राजस्व विभाग द्वारा नहीं हटवाया गया है। जानकारी मिल रही है कि 1 वर्ष पहले गांव के लोग सहारनपुर कमिश्नर से भी मिले थे और गांव के तालाब पर किए गए अवैध कब्जे को हटवाने की मांग की थी। लेकिन मंडल आयुक्त के पास की गई गांव वालों की शिकायत का कोई फायदा ग्रामीणों को नहीं पहुंचा है।

हालांकि प्रशासन द्वारा एक समाचार पत्र के माध्यम से 18 बीघा तालाब की भूमि खाली करने का दावा किया गया था, जबकि मौके पर अवैध कब्जे की स्थिति अभी तक बरकरार है।


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