भारतीय मूल की पहली महिला वैज्ञानिक कल्पना चावला के नाम पर अंतरिक्ष यान

Update: 2020-09-09 07:14 GMT

नई दिल्लीअमेरिका की एयरोस्पेस कंपनी नॉर्थरोप ग्रुमैन कॉर्पोरेशन ने लांच होने वाले अपने नए सिग्नस स्पेसक्राफ्ट (Cygnus spacecraft) का नाम भारतीय वैज्ञानिक कल्पना चावला के नाम पर रखा है। यह अंतरिक्ष यान इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से भेजा जाएगा। एस्ट्रोनॉट कल्पना चावला अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला एस्ट्रोनॉट थीं। कल्पना चावला ने वर्ष 1988 में नासा(NASA) ज्वॉइन किया था। वर्ष 2003 में अंतरिक्ष यान में पृथ्वी की ओर आते हुए ईंधन खत्म होने के कारण दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी। कोलंबिया अंतरिक्ष यान 16 दिवस की अंतरिक्ष यात्रा पर था और दुर्घटना के समय वह पृथ्वी की ओर वापस लौट रहा था।




 


बता दें कि, भारतीय मूल की वैज्ञानिक कल्पना चावला ने 19 नवंबर 1997 को अपना पहला स्पेस मिशन प्रारंभ किया था। उन्होंने 6 अंतरिक्ष यात्रियों के साथ स्पेस शटल कोलंबिया STS-87 से अंतरिक्ष उड़ान भरी थी। अपने पहले स्पेस मिशन के दौरान कल्पना ने 1.04 करोड़ मील का अंतरिक्ष सफर करते हुए लगभग 372 घंटे अंतरिक्ष में बिताए थे। अंतरिक्ष में जाने से पहले उन्होंने इससे जुड़ी आठ माह की ट्रेनिंग ली थी।

एस्ट्रोनॉट कल्पना चावला ने चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग(बीटेक) की पढ़ाई की थी। इसके बाद वर्ष 1982 में अमेरिका चली गईं। उन्होंने टैक्सास यूनिवर्सिटी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमटेक किया। इसके बाद यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो से डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की।

नेशनल एयरोनॉटिक्स स्पेस एजेंसी(नासा) में उनकी नियुक्ति रिसर्च सेंटर में हुई और मार्च 1995 में वो नासा के अंतरिक्ष यात्री कोर टीम में शामिल हुई। अपने पहले स्पेस मिशन को सक्सेसफुल करने के बाद उनकी दूसरी अंतरिक्ष यात्रा आखिरी यात्रा साबित हुई। पृथ्वी की ओर वापसी के समय वायुमंडल में अंतरिक्ष यान के प्रवेश के समय बड़ी दुर्घटना हुई। 1 फरवरी 2003 को कोलंबिया अंतरिक्ष यान पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करते ही टूटकर बिखर गया।

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