हज (1441 H/2020 AD) के लिए भारतीय मुसलमान सऊदी अरब नहीं जायेंगे : नकवी
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि अब तक हज 2020 के लिए 2 लाख 13 हजार आवेदन प्राप्त हुए थे।
नई दिल्ली । भारत के केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज यहाँ बताया कि कल सऊदी अरब के हज और उमराह मंत्री हिज एक्सेलेंसी डॉ. मुहम्मद सालेह बिन ताहेर बेन्तेन का फोन आया था, उन्होंने कोरोना महामारी के चलते इस बार हज (1441 H/ 2020 AD) में भारत से जाने वाले हज यात्रियों को ना भेजने का सुझाव दिया है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि क्योंकि कोरोना की गंभीर चुनौतियों से पूरी दुनिया प्रभावित है, सऊदी अरब में भी इसका असर देखा जा रहा है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सऊदी अरब सरकार के निर्णय का सम्मान करते हुए, हालात के मद्देनजर लोगों की सेहत-सलामती को प्राथमिकता देते हुए, यह फैसला किया गया है कि हज (1441 H/ 2020 AD) के लिए भारतीय मुसलमान सऊदी अरब नहीं जायेंगे।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि अब तक हज 2020 के लिए 2 लाख 13 हजार आवेदन प्राप्त हुए थे। सभी आवेदकों द्वारा जमा कराया गया पूरा पैसा बिना किसी कटौती के तत्काल वापस किये जाने की प्रक्रिया आज से ही शुरू कर दी गई है। यह पैसा ऑनलाइन डीबीटी के जरिये आवेदकों के खाते में भेजा जायेगा।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि 2019 में 2 लाख भारतीय मुसलमान हज यात्रा पर गए थे। जिनमे 50 प्रतिशत महिलाएं शामिल थी, इसके अतिरिक्त मोदी सरकार के अंतरगर्त 2018 में शुरू की गई बिना मेहरम महिलाओं को हज पर जाने की प्रक्रिया के तहत अब तक बिना मेहरम के हज पर जाने वाली महिलाओं की संख्या 3040 हो चुकी है।
इस वर्ष भी 2300 से अधिक मुस्लिम महिलाओं ने बिना "मेहरम" (पुरुष रिश्तेदार) के हज पर जाने के लिए आवेदन किया था, इन महिलाओं को हज 2021 में इसी आवेदन के आधार पर हज यात्रा पर भेजा जायेगा, साथ ही अगले वर्ष भी जो महिलाएं बिना मेहरम हज यात्रा हेतु नया आवेदन करेंगी उन सभी को भी हज यात्रा पर भेजा जायेगा।
कल देर रात सऊदी अरब हज एवं उमराह मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि "वैश्विक कोरोना महामारी के चलते धार्मिक स्थलों पर भीड़ भाड़ वाले कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया है। यह निर्णय लिया गया है कि विभिन्न देशों के जो लोग इस समय सऊदी अरब में रह रहे हैं उन्ही द्वारा बहुत सिमित संख्या में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए हज किया जायेगा।"