दिल्ली की सीमा पर इकट्ठे हुए किसान- टिकैत ने बनाई यह योजना

किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की वर्षगांठ को मनाने के लिए सिंघू, टिकरी, गाजीपुर सीमाओं पर पहुंचे हुए हैं।

Update: 2021-11-26 08:34 GMT

नयी दिल्ली। किसान आंदोलन को एक साल पूरे होने पर हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों से किसान शुक्रवार को दिल्ली की सीमा पर जमा हुए। राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों ने भी 29 नवंबर से प्रतिदिन संसद तक ट्रैक्टर मार्च निकालने की भी योजना बनाई है।

किसान समूहों ने इस दौरान फिर से कहा कि उनका विरोध जारी रहेगा। आज सैकड़ों की संख्या में किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की पहली वर्षगांठ को मनाने के लिए सिंघू, टिकरी, गाजीपुर और अन्य सीमाओं पर पहुंचे हुए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले सप्ताह तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करने के बाद भी किसानों का विरोध जारी है। वे लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर सरकार से इसे स्वीकारने की बात पर अड़े हुए हैं। इनमें एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर गारंटी कानून बनाना भी शामिल है, जो कि जो एमएस स्वामीनाथन आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के अनुसार निर्धारित है। इसके अलावा, बिजली संशोधन विधेयक को रद्द करना, आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ मामले वापस लेना और विरोध प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को सहायता राशि देना भी उनकी मांग का हिस्सा है।

गौरतलब है कि आगे की कार्रवाई तय करने के लिए सिंघू बॉर्डर पर किसानों की महापंचायत चल रही है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट किया कि एमएसपी पर गारंटी कानून बनाना किसानों का अधिकार है वहीं, किसानों ने भी 29 नवंबर से प्रतिदिन संसद तक ट्रैक्टर मार्च निकालने की भी योजना बनाई है। इस दिन संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होगा। इस बीच, दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के जमावड़े को देखते हुए किसी भी स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस ने सीमाओं पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया है।



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