नेपाल में पुलिस व श्रद्धालुओं के बीच संघर्ष
नेपाल में मौजूदा सरकार वामपंथियों की है। वामपंथियों के लिए धार्मिक भावनाओं का कोई महत्व नहीं
काठमांडू। नेपाल अब भले ही लोकतांत्रिक देश हो गया है लेकिन इससे पहले हिन्दू राष्ट्र था। इसलिए वहां आस्थावान लोगों की अब भी कमी नहीं है। नेपाल में मौजूदा सरकार वामपंथियों की है। वामपंथियों के लिए धार्मिक भावनाओं का कोई महत्व नहीं । इसीलिए गत दिनों नाथ सम्प्रदाय के गुरु मछींद्रनाथ से सम्बंध रखने वाली देवी रताओ की विशाल प्रतिमा बनाने को लेकर पुलिस और श्रद्धालुओं में जमकर संघर्ष हुआ। हुआ ये कि नेपाल के ललितपुर में श्रद्धालुओं ने कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर सरकार के लॉकडाउन आदेशों की उपेक्षा करके पांच मंजिला इमारत के बराबर देवी रताओ मछींद्रनाथ की प्रतिमा बना डाली।
नेपाल में श्रद्धालुओं ने एक धार्मिक उत्सव में भाग लेने के लिए सरकारी आदेशों का उल्लंघन किया और जब पुलिस ने उन्हें रोका तो वे पत्थर बरसाने लगे। यह घटना तीन सितंबर को घटी। श्रद्धालुओं ने रताओ मछिंद्रनाथ की पांच मंजिला इमारत के बराबर प्रतिमा बनाई है। श्रद्धालु रथ निकालने पर आमादा थे जबकि पुलिस कोरोनावायरस के संक्रमण के डर से उन्हें ऐसा करने से मना कर रही थी।
यह प्रतिमा श्रद्धालुओं ने कई महीने पहले बना ली थी और कोरोनावायरस के संक्रमण फैलने के डर से और सरकार के आदेश के चलते रथ यात्रा नहीं निकाल रहे थे। पुलिस ने श्रद्धालुओं को रोकने के लिए वाटर कैनन से पानी की बौंछारे छोड़ी। पुलिस के रोके जाने के बाद भी श्रद्धालुओं ने रथ यात्रा नहीं रोकी और दोनों के बीच धीरे-धीरे संघर्ष बढ़ता चला गया। इस घटना के बाद ललितपुर में काफी तनाव की स्थिति बनी हुई है।