वैक्सीन दो साल केलिए करेगी बचाव: रूस
रूस ने बाजी मार लेने का दावा किया और इस वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए वैक्सीन बनाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया।
मॉस्को। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच दुनियाभर में वैक्सीन की खोज का काम तेजी से चल रहा था लेकिन रूस ने बाजी मार लेने का दावा किया और इस वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए वैक्सीन बनाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। वैक्सीन को बनाने वाली रूसी कंपनी ने कहा कि यह वैक्सीन कम से कम 2 साल के लिए वायरस से बचाव करेगी।
रूसी हेल्थकेयर मंत्रालय के गामाले नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने दावा किया कि कोरोना वायरस के खिलाफ रूसी वैक्सीन के सुरक्षात्मक गुण कम से कम दो साल तक बरकरार रहेंगे।
रूस-1 टीवी चैनल पर 60 मिनट के शो के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि वैक्सीन की प्रभावी अवधि, इसके सुरक्षात्मक गुण कम समय के लिए नहीं हैं। यह 6 महीने या 1 साल के लिए नहीं बल्कि कम से कम 2 साल तक के लिए प्रभावी रहेगी। इससे पहले रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि गामालेया केंद्र में बनाए गए वैक्सीन के इस्तेमाल का अनुभव उनमें से एक है और यह दर्शाता है कि इसकी प्रतिरक्षा कम से कम दो साल तक तो रहेगी ही। रूस 11 अगस्त को कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन बनाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। गेमालेया केंद्र के निर्देशक ने पहले कहा था, इसे पांच महीनों में तैयार किया गया है।