रालोद ने धरना प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

रालोद ने कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन कर जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

Update: 2020-12-02 12:03 GMT

मुजफ्फरनगर। रालोद ने दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों का सर्मथन करते हुए कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन कर जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेेंजकर केंद्र द्वारा संसद में पास कराकर लागू किये गये अध्यादेशों को वापिस लेने और किसानोें के चीनी मिलों पर बकाया भुगतान की मांग की।

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बुधवार को रालोद जिलाध्यक्ष चौ. अजीत राठी, पूर्व मंत्री चौ.योगराज सिंह व धर्मवीर सिंह की अगुवाई में कार्यकर्ताओं ने किसानोेें के साथ कचहरी में जिलाधिकारी कार्यालय पर जोरदार नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान जिलाध्यक्ष चौ.अजीत राठी ने कहा कि देशभर के किसान पिछले काफी समय से आंदोलन कर संसद में पारित कर लागू किये गए तीन कृषि कानूनों को वापिस कियें जाने मांग को लेकर दिल्ली में जमे हैं। लेकिन केंद्र सरकार उनकी मांगों को मानने की बजाए हठधर्मी दिखाते हुए उन्हें लागू करने पर अडी है। रालोद भी उनकी मांगों का सर्मथन करते हुए किसानों के साथ है।

कृषि प्रधान देश भारत के किसानोें ने हमेशा ही सरकार का तमाम विपरित परिस्थितियों से जूझकर साथ दिया है। कोराना के कारण देशभर मे लगे लाॅकडाउन के दौर में भी किसानों ने खेतोेें में उत्पादन कर देेेेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देते हुए जीडीपी को सुदृढ रखने में अपना सहयोग दिया। केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषि कानूनों से अपनी आर्थिक दशा बिगडती देख किसान आंदोलन कर कानूनों की वापसी की मांग कर रहे है। अपनी मांगों के लिए दिल्ली आये किसानोें की पीडा सुनकर उसे हल करने के स्थान पर सरकार उनके ऊपर कड़कडाती सर्दी में वाटर कैनन से ठंडे पानी आंसू गैस की बौछार कर रही है।

किसानों पर हो रहे इस अत्याचार को रालोद सहन नही कर इसका डटकर मुकाबला करेगा। उन्होने कहा कि नए कृषि काननों के लागू होने के बाद देशभर की कृषि मंडियों का वजूद समाप्त हो जायेगा। धरने प्रदर्शन के बाद एडीएम अमित कुमार को ज्ञापन सौंपा। जिलाधिेकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजे गये ज्ञापन मेें कृषि काननोें को वापिस लेने और चीनी मिलों पर बकाया गन्ना भुगतान की मांग की गई हैे।

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