इंस्पेक्टर ने दूधमुंहे को 24 घंटे में किया बरामद- पब्लिक ने पलक पावड़ों पर बैठाया

पिता को बचपन से ही वर्दी में देखा है। इसी के चलते शुरू से ही पुलिस की वर्दी से प्रेम रहा है। पुलिस की वर्दी पहनकर जनता के लिए कुछ करने की लगन थी।

Update: 2021-02-15 22:30 GMT

मुज़फ्फरनगर पिता को बचपन से ही वर्दी में देखा है। इसी के चलते शुरू से ही पुलिस की वर्दी से प्रेम रहा है। पुलिस की वर्दी पहनकर जनता के लिए कुछ करने की लगन थी। इसलिए इसे कैरियर बनाने की चाह मन में रही। सपने को साकार करने के लिए जीतोड़ मेहनत की और आखिरकार 2001 में यह सपना साकार हो गया। सब इंस्पेक्टर बनने के बाद उम्मेद सिंह के मन में ड्यूटी के साथ-साथ जनता की सेवा करने का एक अलग ही जज्बा था। जब वे गाजियाबाद के ट्राॅनिका सिटी के प्रभारी थे, तो आठ माह के एक बच्चे का अपहरण हो गया था। दूधमुंहे मां का रोना उनसे देखा नहीं गया। बच्चे की तलाश में उन्होंने पूरी टीम को अलर्ट कर दिया और अथक प्रयासों के बाद मात्र 24 घंटे के अंदर दूधमुंहे को उसकी मां से मिला दिया। इंस्पेक्टर उम्मेद सिंह का छोटा भाई उपदेश सिंह भी खाकी पहनकर ड्यूटी को बखूबी निभा रहे हैं।


इंस्पेक्टर उम्मेद सिंह को एसएसपी अभिषेक यादव ने कुछ दिन पहले ही थाना सिविल लाइन का प्रभारी निरीक्षक बनाया है। उनके चार्ज संभालने से पहले ही थाना क्षेत्र में लूट हो गयी थी। उन्होंने इस लूट का 24 घंटे में पर्दाफाश करते हुए आरोपी को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया।

इंस्पेक्टर उम्मेद सिंह मूल रूप से मैनपुरी के निवासी है। उनके पिता भी उत्तर प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। पिता की आगरा में पोस्टिंग होने के कारण से वह आगरा में शिफ्ट हो गये थे। उनकी प्राथमिक शिक्षा जनपद आगरा में ही पूरी हुई। इंटरमीडिएट की परीक्षा पूर्ण करने के बाद उन्होंने आगरा यूनिवर्सिटी से बीएससी और एमए की। बचपन से ही वह पुलिस अफसर बनकर समाज के प्रति कुछ अलग करना चाहते थे, क्योंकि उम्मेद सिंह के पिता भी एक पुलिस अफसर रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वह भी अपने पिता की तरह जनता के बीच रहकर पुलिस अफसर के रूप में कार्य करना चाहते थे। उम्मेद सिंह ने अपने सपने को साकार करने के लिये उत्तर प्रदेश पुलिस परीक्षा दी और वर्ष 2001 बैच के सब इंस्पेक्टर बन गये। उम्मेद सिंह के छोटे भाई का नाम उपदेश सिंह है। उपदेश सिंह भी जनपद आगरा में रहकर खाकी पहनकर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। उम्मेद सिंह को पुलिस विभाग में अपनी सेवाएं देते हुए लगभग 20 साल हो गये हैं।

मां की चीख किस्मत पर भारी, दौलत को मिली मात

जनपद गाजियाबाद के थाना ट्रोनिका सिटी का प्रभारी रहते हुए 8 माह के बच्चे का अपहरण कर लिया गया था। इस मामले को लेकर जनता में रोष था। उम्मेद सिंह के सामने यह बड़ी चुनौती थी, जिसे उन्होंने स्वीकार किया और हुए बच्चे का बरामद करने में जुट गयेे। उनके दिन-रात के प्रयास ने एक दूधमुंहे बच्चे को 24 घंटे में मां से मिला दिया। जब उम्मेद सिंह ने बच्चे को परिजनों को सौंपा था, तो बच्चे के माता-पिता फूल नहीं समाये थे। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछ डाल दिया था। जब इस वारदात का खुलासा हुआ था, तो पता चला कि उक्त बच्चा एक जगह बिका, फिर दूसरी जगह बिका और अंत में बिककर एक अमीर परिवार में पहुंच गया। उक्त परिवार ने बच्चे को इसलिये खरीदा था कि उनके कोई संतान नहीं थी।

वहीं, बच्चा किस प्रकार से गायब हुआ, इसकी जब तहकीकात की गई, तो पता चला कि बच्चे की मां बच्चे को घर पर छोड़कर बाजार गई थी। जब वह वापिस लौटी, तो बच्चा घर पर नहीं था। इससे उसके पैरों तले की जमीन खिसक गई थी। बच्चे के गम में मां का रो-रोकर बुरा हाल था। मां का हाल देखकर नागरिकों में भी भारी रोष व्याप्त हो गया था। मां की करूण पुकार का ही यह असर रहा कि किस्मत बच्चे को अमीर के घर पर भेजने के बाद भी हार गई और बच्चा फिर से अपनी मां के पास लौट आया। उम्मेद सिंह की विशिष्ट कार्यशैली और अथक परिश्रम के कारण दूधमुंहा एक बार फिर से अपनी मां की गोद में पहुंच गया था। इस कार्य के लिए उम्मेद सिंह को स्थानीय लोगों द्वारा सम्मानित किया गया था।



इंस्पेक्टर उम्मेद सिंह जनपद गाजियाबाद, बुलंदशहर, मेरठ, नोएडा जैसे जनपदों में पुलिसिंग कर चुके हैं। नोएडा से उम्मेद सिंह को जनपद मुजफ्फरनगर भेजा गया था। जनपद मुजफ्फरनगर में उन्हें लगभग डेढ़ साल से ज्यादा वक्त हो गया है। इंस्पेक्टर उम्मेद सिंह जनपद मुजफ्फरनगर में अपराध शाखा का चार्ज संभाल रहे थे। इंस्पेक्टर उम्मेद सिंह को कुछ दिन पूर्व ही एसएसपी अभिषेक यादव ने अपराध शाखा से तबादला कर थाना सिविल लाईन का चार्ज सौंपा है।

थाना सिविल लाईन का चार्ज संभालने के पहले ही दिन उन्हें बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष चैहान की धर्मपत्नी विनीता से बदमाशों ने साकेत काॅलोनी में पर्स व मोबाइल लूट लिया गया था। इस वारदात को लेकर लोगों में खासा रोष था। इंस्पेक्टर उम्मेद सिंह ने चुनौती को न स्वीकार किया, वरन 24 घंटे में इसका खुलासा कर दिया। सीसीटीवी के माध्यम से मिली फुटेज के आधार पर उन्हें पता चला कि व्हाईट स्कूटी सवार लुटेरों ने वारदात को अंजाम दिया है। उन्होंने मुखबिर तंत्र को सक्रिय कर दिया।



इंस्पेक्टर उम्मेद सिंह ने मुठभेड़ के दौरान लुटेरे को जहां पीतल ठोंका, वहीं लूटा गया माल भी बरामद कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम अनस पुत्र इस्लामुद्दीन निवासी मल्हूपुरा थाना सिविल लाइन बताया। पुलिस ने लुटेरे के पास से एक तमंचा, दो कारतूस, लूट की घटना में प्रयुक्त स्कूटी बरामद की। वहीं पुलिस ने आरोपी के कब्जे से 9 मोबाइल फोन भी बरामद किये थे। इंस्पेक्टर उम्मेद सिंह ने बताया कि वह ऑटो रिक्शा में बैठी महिलाओं का पीछा करते थे। जब महिला ऑटो रिक्शा से उतरकर चलती थी, तो आरोपी स्कूटी पर सवार होकर पीछे से आते थे और महिला से पर्स व मोबाइल छीनकर फरार हो जाते थे। पुलिस के अनुसार पकड़े गये आरोपी पर लूट व अन्य अपराधों के आधा दर्जन अभियोग पंजीकृत हैं। लूट का खुलासा होने पर उन्होंने पुलिस को भी धन्यवाद प्रकट किया था।

इंस्पेक्टर उम्मेद सिंह ने आज के युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि हर व्यक्ति नशे से दूर रहे। नशा एक बुरी लत है, जो इस लत में फंस जाता है। उसका जीवन बर्बाद हो जाता है। उन्होंने कहा कि इसलिये कोई भी व्यक्ति नशा न करें, पढ़ाई कर अपने भविष्य को संवारने का काम करें। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति नशीले पदार्थों का सौदा करते हुए या नशा करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई कर सलाखों के पीछे डाल दिया जायेगा।

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