अन्य मुद्दों के अलावा महंगी होती बिजली भी रहेगी महापंचायत का मुद्दा

महापंचायत की तैयारियों को आज अंतिम रूप देने में भाकियू कार्यकर्ता पूरी शिद्दत के साथ जुटे हुए हैं।

Update: 2021-09-04 08:10 GMT

मुजफ्फरनगर। राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान पर आगामी 5 सितंबर को होने वाली किसान महापंचायत में मुख्य मुद्दा तो केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को रद्द करना और एमएसपी पर कानून बनाने का ही होगा, लेकिन किसान महापंचायत में उत्तर प्रदेश में पिछले 4 साल से गन्ने का दाम नहीं बढ़ाने और लगातार महंगी होती जा रही बिजली भी मुख्य मुद्दा रहेगी। महापंचायत की तैयारियों को आज अंतिम रूप देने में भाकियू कार्यकर्ता पूरी शिद्दत के साथ जुटे हुए हैं।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत 5 सितंबर को जिला मुख्यालय के राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान पर आयोजित की जा रही किसान महापंचायत को किसानों का धर्मयुद्ध करार दे चुके हैं। इस बीच भाकियू के राष्ट्रीय महासचिव और संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य युद्धवीर सिंह ने संकेत दिए हैं कि रविवार को होने वाली किसान महापंचायत में उत्तर प्रदेश में लगातार महंगी होती बिजली, गन्ने का मूल्य ना बढ़ाए जाने का मामला भी मुख्य मुद्दा रहेगा। उत्तर प्रदेश में अगले 6 माह में चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत होने वाली है। ऐसे हालातों में आयोजित की जा रही किसान महापंचायत का का आह्वान करने वाले किसानों का उद्देश्य केंद्र और प्रदेश की सत्ता पर काबिज भाजपा पर दबाव बनाने का भी रहेगा। संयुक्त किसान राष्ट्रीय मोर्चा ने उत्तर प्रदेश को ही किसान महापंचायत के लिए शायद इसीलिये चुना है, क्योकि यहां पर जल्द ही विधानसभा के चुनाव होने वाले है और उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद है।

हालांकि महापंचायत से पहले ही उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने राजधानी लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करते हुए इस बात की पुष्टि कर दी है कि उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही गन्ना मूल्य बढ़ाने जा रही है। गन्ना मूल्य में कितनी बढ़ोतरी होगी इसकी घोषणा प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ही की जाएगी। दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले ही साफ कर दिया है कि संयुक्त किसान मोर्चा ना तो किसी राजनीतिक दल के मंच का इस्तेमाल करता है और ना ही अपने मंच पर किसी राजनीतिक दल को स्थान देता है। यही वजह रही है कि राजकीय इंटर कॉलेज के 70 फुट चौड़े और 52 फुट गहरे मंच पर संयुक्त किसान मोर्चा के 40 संगठनों से जुड़े नेताओं के साथ ही देश के अन्य राज्यों से आमंत्रित किए गए किसान नेता ही दिखाई देंगे। जिन किसान नेताओं की किसान महापंचायत में आने की लगभग पुष्टि हो चुकी है उनमें संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत, भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत, बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल सिंह गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मौला, जगजीत सिंह दल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहा, राजाराम मील, अशोक धवले के साथ ही कर्नाटक रेयत संघ की आतंकी नेता चुकि नजुंडा स्वामी और नरेंद्र सिंह बिहार आदि नेता मंच पर दिखाई दे सकते हैं।



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