और बेटी की जान पत्नी के हाथ पे लटकाकर तय कर दिया मौत का सफर
जनपद में भी बड़े-बड़े इवेंट आयोजित कर लोगों को यातायात के नियमों का पालन कर सुरक्षित सफर की सीख दी जा रही है।
मुजफ्फरनगर। समूचे उत्तर प्रदेश में यातायात माह चल रहा हैं। जनपद में भी बड़े-बड़े इवेंट आयोजित कर लोगों को यातायात के नियमों का पालन कर सुरक्षित सफर की सीख दी जा रही है। लेकिन बाइक पर परिवार को लेकर जा रहे व्यक्ति ने मौत का सफर तय करने के लिए अपनी बेटी की जान को ही पत्नी की हथेली पर लटका दिया।
उत्तर प्रदेश में परिवहन विभाग द्वारा यातायात माह का आयोजन कर लोगों को सुरक्षित सफर के लिए यातायात के नियमों का पालन करने के प्रति जागरूक किया जा रहा है। उधर मिशन शक्ति अभियान के तहत बालिकाओं का जीवन सुरक्षित कर उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने को विभिन्न तरह-तरह के आयोजन कर रहे हैं। शासन से लेकर प्रशासन तक भारी भरकम खर्च के साथ आयोजित किए जा रहे इवेंट का लोगों पर कितना असर हो रहा है और अधिकारी भी अपने कर्तव्यों के प्रति कितने सजग और कर्तव्यनिष्ठ हैं। इसकी बानगी वायरल हो रहे फोटो में देखी जा सकती है।
दरअसल एक व्यक्ति अपने परिवार को लेकर जा रहा है। बाइक को कार बनाने के साथ-साथ उसने सामान ढोने का बाइक को ट्रक भी बना दिया है। बहुत सारा सामान लादकर उसने बाइक पर खुद के अलावा अपनी पत्नी और बच्चों को भी बैठा लिया है। बाइक पर जब जगह नहीं रही तो परिवार की बाकी बची सदस्य 10 वर्षीया बालिका को उसने पत्नी के हाथ में थमा दिया। लगभग 10 वर्षीय बालिका मां के हाथ के सहारे लटककर कर ही मौत के सफर पर चल निकली।
मजेदार तथ्य यह देखिए कि आमतौर पर शहर के चौराहों पर जगह-जगह चेकिंग अभियान चलाकर छोटी-छोटी कमियों पर लोगों के हजारों के चालान काटकर धक्के खाने को मजबूर करने वाली यातायात पुलिस की निगाह भी मौत का सफर तय कर रहे इस परिवार पर नहीं पड़ी। शहर से गुजर कर बाइक सवार अपने परिवार को मेरठ रोड से होते हुए मौत के सफर पर बिना किसी रोक-टोक के आराम के साथ निकल गया।