पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के विरोध में सड़क पर उतरी AIMIM

महंगाई को नियंत्रित करते हुए पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग की गई है।

Update: 2021-03-01 09:37 GMT

मुजफ्फरनगर। देश में रोजाना बढ़ाई जा रही डीजल, पेट्रोल एवं रसोई गैस की कीमतों के विरोध में एआईएमआईएम कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट में जोरदार धरना प्रदर्शन करते हुए राज्यपाल को डीएम के माध्यम से एक ज्ञापन भेजा। जिसमें महंगाई को नियंत्रित करते हुए पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग की गई है।

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सोमवार को एआईएमआईएम के कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष मौलाना इमरान कासमी, युवा जिला अध्यक्ष मौहम्मद आबिद एवं ओवैसी यूथ ब्रिगेड के जिलाध्यक्ष मास्टर खालिद के नेतृत्व में जोरदार नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करते हुए एआईएमआईएम कार्यकर्ताओं ने देश में रोजाना बढती डीजल, पेट्रोल एवं रसोई गैस की कीमत को लेकर अपना विरोध जताया।

कार्यकर्ताओं ने कहा कि डीजल के दामों में बढ़ोतरी का असर आवश्यक चीजों के दामों पर पड़ रहा है। डीजल के दामों में बढोतरी से मालभाडे में की गई वृद्धि से आवश्यक वस्तुओं के दामों की वजह से बाजार में मंहगाई को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। लेकिन सरकार को लोगों की परेशानी दूर तलक भी दिखाई नहीं दे रही है। सरकार कच्चे तेल में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के बढ़ते दामों से अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है। जबकि अन्य देशों में डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस भारत से कई गुना कम मूल्यों पर लोगों को उपलब्ध हो रहे हैं। कार्यकर्ताओं ने डीजल, पेट्रोल एवं रसोई गैस को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग करते हुए कहा कि मौजूदा समय में देश के लोग महंगाई को सहन नहीं कर पा रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो चुकी है। जगह-जगह बहन, बेटियों के साथ बलात्कार व हत्या की घटनाएं हो रही हैं और आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। पार्टी की ओर से जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को भेजे गए ज्ञापन में संगठन की मांगों को पूरा किए जाने की मांग की गई है। धरना प्रदर्शन करने वालों में पार्टी के अनेक पदाधिकारी और कार्यकर्ता मुख्य रूप से शामिल रहे।

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