कृषि कानूनों के विरोध में किसानों समेत सड़क पर उतरे पार्टियों के कार्यकर्ता

एनएच-58 जानसठ रोड़, चरथावल रोड़, भोपा रोड आदि राज्यमार्गों व राष्ट्रीय राजमार्गो पर भाकियू और किसान धरना दिये बैठे हैं।

Update: 2020-12-08 08:17 GMT

मुजफ्फरनगर। भारत बंद के तहत जिलें की सड़कों पर भाकियू व राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं का कब्जा हो चुका है। एनएच-58 जानसठ रोड़, चरथावल रोड़, भोपा रोड आदि राज्यमार्गों व राष्ट्रीय राजमार्गो पर भाकियू और किसान धरना दिये बैठे हैं। उधर पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ जाम लगा रहे किसानों के इर्द-गिर्द जमीं रहकर स्थिति पर नजदीकी निगाहें रखें हुए है। लोग वैकिल्पक रास्तों से अपनी मंजिल तय कर अपनी गंतव्य तक पहुंच रहे है।  


किसानों के भारत बंद की आह्वान को अमलीजामा पहनाने के लिये भाकियू व अन्य राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता मैदान में उतरकर सड़कों पर अपना जमाकर बैठ गये है। एनएच-58 पर नावला कोठी के समीप भैंसी कट, रतनपुरी थाना क्षेत्र के गांव रायपुुर नंगली, मंसूरपुर, चरथावल मे नहर के समीप भाकियू कार्यकर्ता सडक पर धरना देकर बैठे हुए है। जानसठ पर गांव सिखेडा के समीप गंगनहर पर भाकियू व रालोद कार्यकर्ता अपना डेरा जमाए हुए है। धरना देकर बैठे किसान नारेबाजी करते हुए कृषि कानूनों को वापिस लिये जाने की मांग कर रहे है। भोपा व मोरना के अलावा छपार आदि स्थानों पर सडक पर भाकियू का कब्जा हो चुका है। मुझेडा गांव में किसान सडक पर धरना देकर बैठे है। चरथावल में सडक पर धरना दिये बैठे भाकियू कार्यकर्ता किसानों के साथ हुक्का गुडगुडा रहे है। शामली रोड पर पीनना शाहपुर बाईपास पर युवा किसान रास्ता अवरूद्ध कर नारेबाजी करते हुए कृषि कानूनोें को वापिस लेने की मांग पर डटे है। उधर पुलिस विभिन्न स्थानों पर जाम लगाये भाकियू कार्यकर्ताओं के साथ राजनैतिक दलों के कार्यकर्ता ओं के इर्द-जमे रहकर व्यवस्था बनाने में लगी हुई है। सडकों से होकर अपने गंतव्य की तरफ जा रहे लोगों को वैकल्पिक रास्तों से पुलिस द्वारा भेजा रहा है। धरना दे रहे किसानों के समीप पुलिस के साथ प्रशासनिक अधिकारी सुबह से ही अपनी नजरे गडाकर उनकी गतिविधियों पर नजदीकी निगाह रख रहे।



 


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