सीएम योगी से अभिभावकों की गुहार, बच्चों की फीस कराएं माफ

Update: 2020-06-02 13:39 GMT

लखनऊ। कोरोना महामारी के कारण दुनिया के लगभग सभी देश गिरती अर्थव्यवस्था की मार झेल रहें है। कोरोना महामारी से भारत में करीब 2 महीने से ज्यादा के लॉकडाउन के बाद अब सरकार ने धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था से जुड़े सभी कार्यस्थलों को खोलने की शुरुआत अनलॉक वन के रूप में की है।

लॉकडाउन में देशभर में अब बेरोजगारी का संकट भी गहरा गया है, क्योंकि कोरोना वायरस के कारण देश के गरीब 70 प्रतिशत कामगार बेरोजगार हो गए हैं। लगभग सभी छोटे व्यापार बंद होने की कगार पर है या बंद हो गए हैं। यह संकट इतना बड़ा है की मौजूदा हालात में जो लोग प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करते थे व किराए के घर में रहकर जीवन व्यापन कर रहे थे, उनके लिए अब मुसीबत खड़ी हो गई है, क्योंकि इतने लंबे समय तक लॉकडाउन की वजह से उनकी नौकरी चली गई व कारोबार बंद हो गए। जो बचत थी वह भी अब खत्म हो गई है और अब ना तो मकान मालिक को किराया देने को कुछ बचा है, ना ही जीवन की अन्य जरूरतों के लिए। बच्चों की पढ़ाई के लिए भी अब बड़ी मुसीबत है, क्योंकि स्कूलों से फीस के नोटिस भी आते ही होंगे। ऐसे में जब लॉकडाउन में आय का कोई स्रोत नहीं बचा है तो बच्चों की फीस कैसे भरेंगे कैसे उनकी शिक्षा होगी यह उनके लिए मुसीबत की घड़ी है। बच्चों के माता पिता का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से तीन महीने से उनका सारा व्यापार ठप है। कमाई बिलकुल भी नहीं हो रही है। जो कुछ बचत थी वह पिछले करीब 70 दिन के लॉकडाउन में घर की जरूरत में समाप्त हो गई है।


सरकार ने यह तो निर्देश दिए हैं की लॉकडाउन पीरियड में कोई मकान मालिक किराया देने के लिए दबाव नहीं बनाएंगे, पर देना तो पड़ेगा ही ,परंतु जब कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन में नौकरी ही चली गई तो किराया देगें कहां से। बच्चों की फीस का प्रबंध होगा कहां से। आय का स्रोत तो लॉकडाउन के बाद भी देरी से हो पाएगा अभिभावक चिंता में घिरे हुए है। इसी क्रम में रविवार को मेरठ जिले में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मुंह पर मास्क लगाए बच्चों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फीस माफ करने की गुहार लगाई। बच्चों का कहना है कि उनके माता-पिता के पास पैसे नहीं है। लिहाजा उनकी तीन महीने की फीस माफ कर दी जाए। वहीं बच्चों ने चार्ट में लिख रखा है, हमें पढ़ना है योगी अंकल जी फीस माफ करो प्लीज प्लीज प्लीज.. बच्चों की मुख्यमंत्री से मार्मिक अपील से साफ पता चलता है कि स्थिति कितनी बदतर हो गई है। बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावक भी साथ खड़े हुए है। बच्चों के माता पिता का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से तीन महीने से उनका सारा व्यापार ठप हो गया है। कमाई बिलकुल भी नहीं हो रही है। लिहाज़ा वो स्कूल की फीस कैसे भरेंगे। अभिभावकों के मुताबिक फीस जमा करने को लेकर स्कूलों की तरफ से लगातार दबाव बनाया जाता है। इसलिए इन तीन महीनों की फीस अगर स्कूल माफ करवा दे तो उनके ऊपर रहम होगा। वहीं बच्चे भी अपनी तोतली जबान से फीस माफी को लेकर गुहार लगाते हुए नजर आए हैं।

गौरतलब है कि सरकार ने पहले ही ऐलान किया है कि लॉकडाउन के दौरान स्कूल अभिभावकों से फीस देने का दबाव बिलकुल भी न बनाएं। पर इस पर सरकार ने कोई लिखित कार्यवाही अब तक नहीं की है। लेकिन स्कूल प्रबंधन है कि मानने को राज़ी नहीं है। ये कोई एक स्कूल व कॉलेज की बात नहीं है। कमोवेश हर स्कूल में स्कूल मैनेजमेंट किसी न किसी तरीके से पैरेंट्स तक ये मैसेज पहुंचा रहे हैं कि जल्द से जल्द फीस जमा करें। हालांकि खुलकर कोई भी स्कूल व कॉलेज फीस नहीं मांगता है, लेकिन किसी न किसी माध्यम से वो अभिभावकों को फीस जमा करने के लिए कहते रहते हैं। ऐसे में बच्चों के साथ-साथ अभिभावक भी बेहद परेशान हैं।


प्रदेश सरकार को फीस माफी पर संज्ञान लेते हुए लिखित निर्देश जारी करना चाहिए कि लॉकडाउन के समय को ध्यान में रखते हुए फीस माफी की जाए या फीस में कुछ कटौती की जाए ताकि अभिभावकों को इससे थोड़ा वक्त मिल जाएगा और बच्चे अपनी शिक्षा आने वाले समय में जारी रख सकें। सरकार को बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए कोरोना महामारी में उनके लिए योजनाबद्ध होकर फंडिंग करनी चाहिए। हालाँकि फीस बढ़ोत्तरी का मामला भी हाई कोर्ट में चल रहा है जिसमे कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया हुआ है। अभी तक कोरोना वायरस कि लड़ाई में सीएम योगी आदित्यनाथ ने दो कदम आगे बढ़कर जनता के लिए काम किया है उससे अभिभावकों को मुख्यमंत्री से उम्मीद लगाए बैठे है कि वो अभिभावकों की इस गंभीर वित्तीय संकट में राहत देने का काम करेंगे ।

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