जातिवादी सूचक शब्द मामले में अभिनेत्री को राहत
उच्चतम न्यायालय ने जातिवादी टिप्पणी मामले में मशहूर टीवी सीरियल अभिनेत्री को गिरफ्तारी से राहत प्रदान की।
नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने जातिवादी टिप्पणी मामले में मशहूर टीवी सीरियल 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' की बबीता यानी मुनमुन दत्ता को शुक्रवार को गिरफ्तारी से राहत प्रदान की।
न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय अवकाशकालीन खंडपीठ ने अभिनेत्री मुनमुन दत्ता के खिलाफ चार राज्यों में दर्ज मुकदमों में कार्रवाई करने पर फिलहाल रोक लगा दी।
न्यायालय ने सोशल मीडिया के जरिये मुनमुन दत्ता द्वारा कथित तौर पर की गई जातिवादी टिप्पणी के बाद देश के कई राज्यों में दर्ज मुकदमों को एक जगह स्थानांतरित करने के अनुरोध पर नोटिस जारी किया।
पीठ ने मुनमुन दत्ता के खिलाफ महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश में दर्ज मुकदमों की कार्रवाई पर रोक लगा दी है , हालांकि हरियाणा में दर्ज मुकदमे पर कार्रवाई जारी रहेगी।
मुनमुन दत्ता की ओर से पेश वकील ने पीठ से कहा कि उनकी मुवक्किल पश्चिम बंगाल से है और उसने जो 'भंगी' शब्द का कथित तौर पर इस्तेमाल किया था, वह बंगला भाषा में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाता है। उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि वह शब्द 'जातिवादी' है।
अभिनेत्री के खिलाफ अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
वार्ता