भट्टा पारसौल फिर सुर्खियों में-9 मार्च को किसान महापंचायत का ऐलान

नए कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन को समर्थन देने के लिए किसानों के बीच पहुंच रही

Update: 2021-03-03 09:13 GMT

नई दिल्ली। नए कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन को समर्थन देने के लिए किसानों के बीच पहुंच रही रालोद ने अब गौतमबुद्धनगर जिले के भट्टा पारसौल में 9 मार्च को किसान महापंचायत के आयोजन का ऐलान कर दिया है।

बुधवार को रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने अपने फेसबुक पेज पर इसकी घोषणा करते हुए 3 मार्च से लेकर 20 मार्च तक आयोजित की जाने वाली किसान पंचायतों की जानकारी दी है। भट्टा पारसौल का किसान आंदोलन में महत्वपूर्ण स्थान है और 9 मार्च को यहां पर आयोजित होने जा रही रालोद की किसान महापंचायत को महत्पूर्ण माना जा रहा है। गौरतलब है कि भट्टा पारसौल के किसानों ने लंबे समय तक अपनी मांगों के लिए संघर्ष किया है और 7 मई 2011 को भट्टा पारसौल में चल रहे आंदोलन के दौरान हुई फायरिंग में 2 किसानों और दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। तत्कालीन जिलाधिकारी दीपक अग्रवाल के पैर में भी गोली लगी थी। किसान पंचायत के लिए रालोद के पदाधिकारियों ने किसानों के बीच जाकर जनसंपर्क भी करना शुरू कर दिया और स्थानीय किसान संगठनों को भी आंदोलन से जोड़ने के लिए व्यापक संपर्क किया जा रहा है। इसके अलावा और भी अन्य रणनीति बनाई जा रही है।

गौरतलब है कि केंद्र द्वारा लाए गए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच अभी तक गतिरोध बरकरार है। नये कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। इसके लिए दिल्ली की गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर लगभग चार माह से आंदोलन करते हुए धरना दे रहे हैं। बीते वर्ष की 26 नवंबर से जारी किया गया धरना अभी तक राजधानी की सीमाओं पर चल रहा है। किसानों ने सरकार से उनकी मांगे जल्द मानने की अपील की है। वहीं सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होंगे लेकिन संशोधन किया जाना संभव है।

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