ब्लैक फंगस पर योगी सरकार ने जारी की एडवाइजरी

सरकार ने इस बीमारी के लक्ष्ण और बचाव की जानकारी देते हुए लोगों से सावधानियां बरतने को कहा है

Update: 2021-05-15 08:49 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के देखते हुए सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। सरकार ने इस बीमारी के लक्ष्ण और बचाव की जानकारी देते हुए लोगों से सावधानियां बरतने को कहा है।

दरअसल पिछले कई दिनों से पश्चिम से लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में रोजाना ब्लैक फंगस के दर्जनों मरीज सामने आ रहे हैं। कई लोगों ने इससे अब तक जान भी गंवाई है। एडवाइजरी में बताया गया है कि कोविड-19 संक्रमण के बाद ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस चेहरे नाक, साइनस, आंख और दिमाग में फैलकर उसको नष्ट कर देती है। इससे आंख सहित चेहरे का बड़ा भाग नष्ट हो जाता है और जान जाने का भी खतरा रहता है। बताया गया है कि

ब्लैक फंगस की संभावना ऐसे लोगों में ज्यादा रहती है जहां कोविड-19 के दौरान स्टेरॉयड दवा दी गयी हो। डेक्सामिथाजोन, मिथाइल प्रेडनिसोलोन,

कोविड मरीज को ऑक्सीजन पर रखना पड़ा हो या आईसीयू में रखना पड़ा हो।

डायबिटीज का अच्छा नियंत्रण ना हो,

कैंसर, किडनी ट्रांसप्लांट के लिए दवा चल रही हो।

ब्लैक फंगस के लक्षणों में किसी मरीज को बुखार आ रहा हो, सिरदर्द हो रहा हो, खांसी हो, सांस फूल रही हो, नाक बंद हो,नाक में म्यूकस के साथ खून आ रहा हो, आंख में दर्द हो, आंख फूल जाए, दो दिख रहा हो या दिखना बंद हो जाए, चेहरे में एक तरफ दर्द हो, सूजन हो या सुन्न हो, छूने पर छूने का अहसास ना हो, दांत में दर्द हो, दांत हिलने लगें. चबाने में दर्द हो, उल्टी में या खांसने पर बलगम में खून आये,

कोई भी लक्षण आपको लगे तो तुरंत सरकारी अस्पताल में या किसी अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाएं। नाक कान गले, आंख, मेडिसिन, चेस्ट या प्लास्टिक सर्जरी विशेषज्ञ से तुरंत दिखाएं और लग कर इलाज शुरू करें। स्वयं या किसी गैर विशेषज्ञ डॉक्टर के, दोस्त मित्र या रिश्तेदार के कहने पर स्टेरॉयड दवाएं जैसे डेक्सोना, मेड्रोल इत्यादि कतई शुरू ना करें। लक्षण के पहले 5 से 7 दिनों में स्टेरॉयड देने से दुष्परिणाम होते हैं। बीमारी शुरू होते ही स्टेरॉयड शुरू ना करें। इससे बीमारी बढ़ जाती है। स्टेरॉयड का प्रयोग विशेषज्ञ डॉक्टर कुछ ही मरीजों को केवल 5-10 दिनों के लिए देते हैं, वो भी बीमारी शुरू होने के 5-7 दिनों बाद केवल गंभीर मरीजों को. इसके पहले बहुत सी जांच आवश्यक है।

इलाज शुरू होने पर डॉक्टर से पूछें कि इन दवाओं में स्टेरॉयड तो नहीं है। अगर है, तो ये दवाएं मुझे क्यों दी जा रही हैं?

स्टेरॉयड शुरू होने पर विशेषज्ञ डॉक्टर के नियमित संपर्क में रहें।

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