नीतीश कुमार ने खोला खजाना,आरजेडी ने लगाया करप्शन का इल्ज़ाम
बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने कहा कि, एनडीए की सरकार विकास के लिए हमेशा प्रगतिशील है।
पटना । बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कैबिनेट ने खजाना खोल दिया है. बिहार में सड़क कृषि ऊर्जा उद्योग समेत अन्य क्षेत्र में योजनाओ में गति देने के लिए एक ही झटके में, 11400 करोड़ रुपए की प्रशासनिक खर्च करने पर हरी झंडी दे दी है।
कैबिनेट ने प्रशासनिक और खर्च करने के फैसले पर हरी झंडी दी है. फैसले से सैंकड़ों किलोमीटर सड़क बिजली आपूर्ति और बिजली जेनरेशन होगी. कैबिनेट ने मुख्यमंत्री कृषि विद्युत योजना पर एक हजार तीन सौ करोड़ करने पर मुहर लगाई है, जबकि 1200 करोड़ की राशि बिजली वितरण कंपनी देने पर मुहर लगाई है।
बिहार सरकार के इस फैसले पर बयानबाजी शुरू हो गई है. आरजेडी नेता श्याम रजक ने नीतीश सरकार पर जोरदार हमला किया. उन्होंने कहा कि, आर्यभट्ट यूनिवर्सिटी की राशि रॉकेट से खर्च की जाएगीं।
चुनाव में डेढ़ महीना बचा है और इतनी बड़ी राशि की मंजूरी मिलती है, लूट मची है, लोगों तक पैसा नहीं जा रहा, किस रॉकेट साइंस से इस राशि को खर्च करेंगे. वैसे भी सीएम नीतीश कुमार भ्रष्टाचार से डूबे हुए हैं. 7 महीना में योजना राशि 10 फीसदी खर्च होती है और अगले 1 महीने के अंदर 70 से 80 फीसदी हो जाती है।
वहीं, आरएलएसपी के प्रधान महासचिव माधव आनंद ने कहा कि, चुनाव आयोग ने क्लीयर कर दिया है कि, चुनाव समय पर होगा. नीतीश कुमार को पता है तो लगातार योजना में योजना का पैसा आवंटित कर रहे हैं, बिहार ऐसा प्रदेश है जहां हर विभाग में पैसा खर्च नहीं किया जाता है।
इधर, जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने आरजेडी पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि, जो व्यक्ति जैसा होता है वैसा ही आरोप लगाता सभी को पता है नीतीश कुमार डेवलपमेंट के लिए जाने जाते हैं. काम करने के लिए पैसे की जरूरत होती है. सीएम नीतीश कुमार हमेशा काम करते हैं. क्या मार्च, क्या जनवरी या फिर चुनाव हो. इन सब चीजों से कोई लेना-देना नहीं है. यहां सालों पर सतत विकास होता रहता है. राशि इसी लिए जारी किया गया।
बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने कहा कि, एनडीए की सरकार विकास के लिए हमेशा प्रगतिशील है, इसलिए यह चुनाव के मद्देनजर राशि खर्च नहीं की जा रही है. बिहार में विकास हो अगर पहले की सरकार और अभी की सरकार में आप तुलना करें तो आपको नजर आएगा कि, अब बिहार के हालात कुछ अलग हैं और पहले अलग थे।