UP में सबसे अधिक कोरोना संक्रमण की हुई जांचः सहगल
प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने लोक भवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है। इसके लिए अस्पतालों में लगभग 1.50 लाख से अधिक बेड की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में कोरोना में कमी आ रही है फिर भी सभी को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें। अब तक 2.23 करोड़ से अधिक कोविड-19 के टेस्ट किये जा चुके हैं। घर-घर सर्वें का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। प्रदेश सरकार तथा स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा सर्विलांस के माध्यम से लगभग 15 करोड़ लोगों तक पहुंच कर उनका हालचाल लेते हुए कोविड-19 संक्रमण की जानकारी भी ली गयी है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है जहां सबसे अधिक कोरोना संक्रमण की जांच की गयी है और इतनी बड़ी संख्या में लोगों से सम्पर्क किया गया है।
उन्होंने बताया कि मिशन रोजगार अभियान के अन्तर्गत बड़ी संख्या में रोजगार देने का प्रयास किया जा रहा है। अभियान के अन्तर्गत प्रत्येक जनपद की एक कार्य योजना बनाई जा रही है, जिसमें सरकारी नौकरियों के माध्यम से स्वरोजगार, बैंकों से समन्वय करके, कौशल प्रशिक्षण द्वारा स्वरोजगार तथा विभिन्न विभागों द्वारा चलाये जा रहे निर्माण कार्यों में रोजगार के अवसरों कोे एक योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जायेगा, ताकि प्रदेश में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर पैदा किये जाएं। उन्होंने बताया कि 4 साल में 4 लाख नई सरकारी नौकरी देने के लक्ष्य को पूरा किया जा रहा है और विभिन्न आयोगों, परिषदों, विभागों से कहा गया है कि अपने रिक्त पदों के सापेक्ष नियमानुसार पारदर्शी तरीके से अपनी भर्ती प्रक्रिया कराएं, ताकि प्रदेश में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध हो जाएं। इसी क्रम में कुछ दिन पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा 97,663 स्वयं सहायता समूह एवं उनके संगठनों को आॅनलाइन 445.92 करोड़ रूपये की धनराशि हस्तान्तरित की गयी थी। इनसे स्वयं सहायता समूह में काम करने वाली महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
उन्होंने बताया कि आर्थिक गतिविधियों को और अधिक तेजी लाने के लिए सरकार कार्य कर रही है। इसके साथ ही रोजगार के अवसर बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है। प्रदेश में सूक्ष्म, लघु, मध्यम एवं वृहद श्रेणी की 8.18 लाख से अधिक इकाइयां क्रियाशील हैं। प्रदेश में रोजगार के और अधिक अवसर सृजित करने के लिए नई एमएसएमई इकाइयों के माध्यम से अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के अन्तर्गत 6.79 लाख नई एमएसएमई इकाइयांें को 20,764 करोड़ रूपये का ऋण दिया गया है। इस प्रकार कुल 11,26,000 इकाइयों को लगभग 31,864 करोड़ रुपये के ऋण बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराये गये हैं। इस वित्तीय वर्ष में 20 लाख इकाइयों को 76 हजार करोड़ रुपये के ऋण बैंकों के माध्यम से दिये जाने का लक्ष्य रखा गया है। एमएसएमई इकाइयों से 27 लाख से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर सुलभ हुए है। उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में एमएसएमई इकाइयों के माध्यम से 50 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
प्रदेश सरकार किसानों के हित के लिए कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के लिए कृतसंकल्प है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर निरन्तर धान खरीद की समीक्षा की जा रही है। इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि किसानों के धान की खरीद समय से हो तथा उन्हें धान, मूंगफली व मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य अवश्य मिले। धान और मक्का की खरीद का भुगतान 72 घंटे के अन्दर सुनिश्चित किया जाये। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिलाधिकारी की यह जिम्मेदारी है कि किसानों को किसी प्रकार की समस्या न होे तथा क्रय केन्द्र सुचारू रूप से कार्य करे। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार की अधिकारियो, कर्मचारियों द्वारा लापरवाही बरती जाती है, तो उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। इसी क्रम में कल अभियान चलाकर जनपदों में क्रय केन्द्रों का निरीक्षण किया गया। धान क्रय केन्द्र पर शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी की जिम्मेदारी होगी। धान क्रय केन्द्रांे पर जिलाधिकारी द्वारा निरन्तर सत्यापन अनुश्रवण तथा आकस्मिक निरीक्षण करें। किसानों से निरन्तर धान की खरीद की जा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक किसानों से 403.16 लाख कुंतल धान की खरीद की जा चुकी है। जो पिछले वर्ष की तुलना में डेढ़ गुना अधिक है। इस प्रकार सरकार द्वारा अब तक 7,536 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को किया गया है। प्रदेश में अब तक किसानों से 6,13,073.30 कु0 मक्का की खरीद की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि साढ़े तीन वर्ष में 180 मीट्रिक टन धान तथा 170 मीट्रिक टन गेहूं किसानों से खरीदा गया है। इस प्रकार 60 हजार करोड़ रुपये की फसल किसानों से खरीदी जा चुकी है। राज्य सरकार किसानों के हितों के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और किसानों की समस्या का निदान प्राथमिकता से सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री स्वयं किसान सम्मेलनों को सम्बोधित भी कर रहे हैं।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में कल एक दिन में कुल 1,34,633 सैम्पल की जांच की गयी। प्रदेश में अब तक कुल 2,24,39,369 सैम्पल की जांच की गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना सेे संक्रमित 1247 नये मामले आये हैं। प्रदेश में 17,245 कोरोना के एक्टिव मामले में से 7,496 लोग होम आइसोलेशन में हैं। उन्होंने बताया कि निजी चिकित्सालयों में 1775 लोग ईलाज करा रहे हैं, इसके अतिरिक्त मरीज एल-1, एल-2 तथा एल-3 के सरकारी अस्पतालों मंे अपना ईलाज करा रहे हंै। उन्होंने बताया कि विगत 24 घंटे में 1559 तथा अब तक कुल 5,49,190 लोग कोविड-19 से ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। प्रदेश में कोविड-19 का रिकवरी प्रतिशत 95.57 है। प्रदेश में सर्विलांस टीम के माध्यम से 1,75,998 क्षेत्रों में 4,91,075 टीम दिवस के माध्यम से 3,06,04,960 घरों के 14,91,02,894 जनसंख्या का सर्वेक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि चिकित्सकीय उपचार के लिए ई-संजीवनी पोर्टल शुरू किया गया है। ई-संजीवनी के माध्यम से कल एक दिन में 4469 लोगों ने चिकित्सकीय परामर्श लिया। इस प्रकार अब तक कुल 2,94,778 लोगों ने चिकित्सकीय परामर्श लिया।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में सर्विलांस का कार्य लगातार किया जा रहा है। जहां भी संक्रमण मिलता है वहां पर स्वास्थ्य विभाग की टीमें पहुंचती हैं। एक्टिव केस फाइंडिंग और सर्विलांस के कार्य को वैज्ञानिक स्तर का कर दिया गया है। अब जो भी केसेज नये मिलते हैं, उनको हर जिला अपने जिले के नक्शे के ऊपर प्रदर्शित करता है, जिससे पता चलता हैं कि किस इलाके में ज्यादा केसेज आ रहे हैं और उन इलाकों में सर्विलांस की टीमें अधिक से अधिक सर्वे का कार्य करती हैं। यही वजह है कि संक्रमण को नियंत्रित रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहले स्वास्थ्य विभाग में विशेषज्ञ चिकित्सक के भर्ती किये जाने का कोई नियमलावली में संशोधन किया गया है। मंत्रि परिषद से नियमावली अनुमोदित होने के पश्चात नियमावली जारी कर दी गयी है। अब स्वास्थ्य विभाग में विशेषज्ञ चिकित्सक की भर्ती सीधे आयोग के माध्यम से की जा सकती है।
उन्होंने बताया कि वैक्सीन के रख-रखाव के सम्बंध में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं प्राथमिकता से सुनिश्चित की जा रही हैं। इसके साथ ही वैक्सीन के लिए तकनीकी लोगों को प्रशिक्षण देने का भी कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक वैक्सीन नहीं आती तब तक पहले से बीमार बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं को संक्रमण से बचाना होगा। सभी लोग मास्क पहनें, हाथ साबुन-पानी से धोते रहें तथा लोगों से दो गज की दूरी बनाये रखें। कोविड संक्रमण से मुक्त होने के बाद भी यदि कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो वह स्वास्थ्य विभाग की हेल्पलाइन नं. 18001805145 पर सम्पर्क कर अपनी समस्या से अवगत करा सकते हैं।