कोटेदारों ने दिखाई आंख- खड़ा कर दिया मुफ्त राशन वितरण पर बड़ा संकट
उत्तर प्रदेश के कोटेदारों ने नए साल से पहले सरकार के मुफ्त राशन वितरण पर संकट खड़ा करते हुए आंखें दिखानी शुरू कर दी है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कोटेदारों ने नए साल से पहले सरकार के मुफ्त राशन वितरण पर संकट खड़ा करते हुए आंखें दिखानी शुरू कर दी है। कोटेदारों ने अल्टीमेटम दिया है कि अगर उनका राशन वितरण का लाभांश नहीं बढ़ाया गया तो राज्य के 80000 कोटेदार नए साल के जनवरी महीने से उपभोक्ताओं को राशन का वितरण नहीं करेंगे।
शनिवार को उत्तर प्रदेश सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद समेत प्रदेश के तीनों बड़े कोटेदारों के संगठनों ने खाद्य आयुक्त को चिट्ठी भेज कर राशन वितरण का लाभांश बढ़ाने की डिमांड उठाई है। उत्तर प्रदेश सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अशोक मल्होत्रा ने बताया है कि उत्तर प्रदेश के कोटेदारों को सरकार की ओर से वितरित किए जाने वाले मुफ्त राशन के लिए 90 रुपए प्रति कुंतल की दर से लाभांश दिया जा रहा है, जबकि अन्य प्रदेशों में यह लाभांश उत्तर प्रदेश से कहीं अधिक है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा एवं गोवा में 200 रुपए प्रति कुंतल, देश की राजधानी दिल्ली और केरल में भी 200 रुपए प्रति कुंतल, महाराष्ट्र में 150 रुपए प्रति कुंतल तथा राजस्थान में 125 रुपए प्रति कुंतल कोटेदारों को लाभांश दिया जाता है। गुजरात की बात करें तो वहां पर सरकार 20000 रुपए का मानदेय कोटेदारों को देती है। परिषद के उपाध्यक्ष प्रकाश सिंह ने योगी सरकार से कोटेदारों को 200 रुपए प्रति कुंतल की दर से लाभांश दिए जाने की मांग उठाई है। उत्तर प्रदेश सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद, ऑल इंडियन फेयर प्राइस शॉप डीलर एसोसिएशन तथा आदर्श कोटेदार उपभोक्ता एवं वेलफेयर संगठन ने अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर 25 जनवरी तक सरकार की ओर से कोटेदारों का लाभांश बढ़ाने पर विचार नहीं किया जाता है तो प्रदेश के सभी कोटेदार वर्ष 2024 के जनवरी महीने से राशन वितरण का काम ठप कर देंगे।