भीमा कोरेगांव हिंसा से मेरा कोई तअल्लुक़ नहीं, NIA कर रही परेशान : पार्थसारथी रॉय

रॉय ने बताया कि वे बॉयोमेडिकल वैज्ञानिक हैं उनका उत्पीड़न ऐसे समय में किया जा रहा है, जब वे कोरोना के खिलाफ जारी जंग में शामिल हैं।

Update: 2020-09-08 11:12 GMT

मुंबई भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कोलकाता के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर (आईआईएसआर) के प्रोफेसर पार्थसारथी रॉय को समन किया है. प्रोफेसर रॉय से 10 सितंबर को एनआईए के मुंबई कार्यालय में पेश होने को कहा गया है. अब प्रोफेसर रॉय ने एनआईए पर परेशान करने का आरोप लगाया है।

एक समाचार में प्रोफेसर रॉय ने कहा है कि उनका भीमा कोरेगांव की हिंसा से कोई संबंध नहीं है. वे न तो कभी भीमा कोरेगांव गए ही हैं. उन्होंने साफ किया कि उनका इस हिंसा से कोई लेनादेना नहीं है. प्रोफेसर रॉय ने कहा कि उन्हें सीआरपीसी की धारा 160 के तहत बतौर गवाह समन जारी किया गया है, जबकि मुझे भी इस घटना के संबंध में जानकारी समाचार माध्यमों के जरिए मिली।

उन्होंने एनआईए पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह समन मुझे भयभीत करने की कोशिश है, जैसा देश के अन्य बुद्धिजीवियों के साथ किया जा रहा है. प्रोफेसर रॉय ने बताया कि वे बॉयोमेडिकल वैज्ञानिक हैं और उनका उत्पीड़न ऐसे समय में किया जा रहा है, जब वे कोरोना के खिलाफ जारी जंग में शामिल हैं।

गौरतलब है कि 1 जनवरी 2018 को पुणे के समीप भीमा कोरेगांव स्थित स्मारक पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भड़की हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. इस मामले की जांच एनआईए कर रही है. एनआईए भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में कई बुद्धिजीवियों को गिरफ्तार कर चुकी है. अब प्रोफेसर रॉय समेत 9 को समन जारी कर एनआईए के मुंबई दफ्तर में पेश होने को कहा गया है।

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