लखनऊ। कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण परियोजना के कार्य निर्धारित समय में पूरा न होने के कारण केन्द्र सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार के पत्र पर सम्यक विचार करते हुए वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा सिंचाई एवं जलसंसाधन विभाग के अन्तर्गत संचालित विश्व बैंक पोषित परियोजना 'उत्तर प्रदेश वाटर सेक्टर रीस्ट्रक्चरिंग प्रोजेक्ट फेज-2' के कार्यकाल को 31 मार्च, 2021 तक बढ़ा दिया गया है। इस बहुउद्देशीय परियोजना से आच्छादित जनपदों में कृषि उत्पादन तथा जल उपलब्धता के बढ़ोत्तरी में काफी मदद मिली है।
'उत्तर प्रदेश वाटर सेक्टर रीस्ट्रक्चरिंग प्रोजेक्ट फेज-2' परियोजना का मुख्य उद्देश्य जलसंसाधनों का कुशल प्रबन्धन हेतु प्रदेश में वाटर सेक्टर रिफार्म के रूप में एक कार्यदायी संगठन तथा बुनियादी ढ़ाचें की स्थापना करना है। इसके साथ ही कृषि उत्पादकता एवं जल उपलब्धता में वृद्धि सुनिश्चित करते हुए सिंचाई एवं ड्रेनेज सब-सेक्टर रिफार्म एवं किसानों की सहायता करना है। उल्लेखनीय है कि यह परियोजना अक्टूबर, 2013 में शुरू की गयी थी और 31 अक्टूबर 2020 को समाप्त होनी थी।
मुख्य अभियन्ता पैक्ट, वारिस रफी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 'उत्तर प्रदेश वाटर सेक्टर रीस्ट्रक्चरिंग प्रोजेक्ट फेज-2' परियोजना प्रदेश के 16 जनपदों- बाराबंकी रायबरेली, अमेठी, ललितपुर, फिरोजाबाद, एटा, कासगंज, मैनपुरी, फर्रूखाबाद, इटावा, कन्नौज, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, फतेहपुर एवं कौशाम्बी में संचालित की जा रही है।
इस परियोजना के तहत हैदरगढ़ शाखा प्रणाली के अन्तर्गत 680 किमी नहरों की पुनस्र्थापना का कार्य तथा कुल 08 किमी सड़कों का निर्माण कार्य पूरा कराया गया है। यह प्रणाली मुख्य अभियन्ता शारदा सहायक के अधीन आती है। इसी प्रकार मुख्य अभियन्ता रामगंगा के अन्तर्गत समानान्तर निचली गंगा नहर की क्षमता, पुनस्र्थापना एवं लाइनिंग के कार्य के पश्चात शीर्ष क्षमता 4200 क्यूसेक से बढाकर 8900 क्यूसेक किया गया है।
इसके अलावा पीएलजीसी की प्रस्तावित 89 किमी0 लम्बाई में लाइनिंग कार्य के सापेक्ष
82 किमी0 लाइनिंग का कार्य पूरा कराया गया है। इसके अलावा मुख्य अभियन्ता बेतवा के तहत विभिन्न कार्य कराये गये है। इसके साथ ही मुख्य अभियन्ता सूचना प्रणाली संगठन, स्वारा संगठन, मुख्य अभियन्ता सज्जा एवं सामग्री वाल्मी संगठन, बाढ़ प्रबन्धन सूचना प्रणाली केन्द्र के लिए लक्षित कार्य पूरे कराये गये हैं।
इसके अतिरिक्त इस परियोजना के तहत आने वाले लाइन विभाग- भूगर्भ जल, कृषि, रिमोट सेन्सिग एप्लीकेशन सेन्टर लखनऊ, राज्य ग्राम्य विकास संस्थान लखनऊ को आवंटित कार्यों को पूरी गति के साथ पूरा कराया जा रहा है।