ट्यूबवेल योजना- सौर ऊर्जा को बढ़ावा- इतने किसान होंगे चयनित

योजना नई योजना के रूप में वर्ष 2019-20 से प्रस्तावित की जा रही है। योजना के तहत लघु एवं सीमांत श्रेणी के न्यूनतम दस किसान।

Update: 2020-10-14 15:44 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये सामूहिक मिनी ग्रीन ट्यूबवेल योजना' प्रारम्भ किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रिमंडल ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये सामूहिक मिनी ग्रीन ट्यूबवेल योजना' प्रारम्भ किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।

आधिकारिक सूत्रों ने यहा बताया कि यह योजना नई योजना के रूप में वर्ष 2019-20 से प्रस्तावित की जा रही है। योजना के तहत लघु एवं सीमांत श्रेणी के न्यूनतम दस किसानों के समूह के लिए सौर ऊर्जा चालित नलकूप का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। एक नलकूप की लागत 4.69 लाख रुपये आंकलित की गई है, जिसमें सामान्य श्रेणी के लिये केन्द्रांश 0.7305 लाख रुपये तथा राज्यांश 2.4215 लाख रुपये एवं किसान समाज का अंश 1.5380 लाख रुपये है। उन्होंने बताया कि एससीपी के लिये केन्द्रांश 0.7305 लाख रुपये, राज्यांश 2.9855 लाख रुपये एवं कृषक समूह का अंश 0.974 लाख रुपये है।

उन्होंने बताया कि योजना के तहत नलकूप का कार्य लघु सिंचाई विभाग द्वारा तथा सोलर पम्प की स्थापना कृषि विभाग द्वारा किया जायेगा। कुसुम योजना-बी के लिये कृषि विभाग नोडल विभाग है। एक नलकूप से छह हेक्टेयर शुद्ध क्षेत्र सिंचित होगा तथा 10 हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित होगी। योजना के तहत 69 मीटर तक गहरे नलकूप का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। नलकूप स्थापना के साथ-साथ पम्प हाउस, जल वितरण प्रणाली के लिये एच०टी०पी०ई० पाइप इत्यादि की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

सूत्रों ने बताया कि नलकूप में जल निकासी के लिये पाँच हाॅर्स पावर के सौर ऊर्जा चालित पम्प की स्थापना किया जाना प्रस्तावित है।

उन्होंने बताया कि योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एक वर्ष के लिये प्रस्तावित की गई है, जिसके तहत179 नलकूपों के लिये वर्ष 2020-21 में 600 लाख रुपये राशि का बजट प्राविधान है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार अतिरिक्त बजट की स्वीकृति प्राप्त कर बड़े जिलों के लिये10 एवं छोटे जिलों के लिये पांच सामूहिक नलकूपों के निर्माण के लिये कार्रवाई की जायेगी। योजना के क्रियान्वयन से आर्थिक दृष्टि से अत्यन्त कमजोर लघु एवं सीमान्त कृषक सौर ऊर्जा चालित नलकूप स्थापित कर सकेंगे तथा ऊर्जा एवं जल की बचत होगी।

यह योजना प्रदेश अतिदोहित/क्रिटिकल विकास खण्डों को छोड़कर शेष में क्रियान्वित की जाएगी। इस योजना का मूल्यांकन किया जाएगा। मूल्यांकन में सार्थक परिणाम आने पर आगामी वर्षो में योजना का विस्तार किये जाने पर निर्णय लिया जाएगा।

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