भारत की विकास यात्रा को नये सिरे से परिभाषित करने वक्त : मोदी

प्रधानमंत्री ने रविवार को कहा कि भारत के अपनी विकास यात्रा में खुद को नये सिरे से परिभाषित करने का समय आ गया है

Update: 2021-08-15 07:09 GMT

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत के अपनी विकास यात्रा में खुद को नये सिरे से परिभाषित करने का समय आ गया है।




नरेन्द्र मोदी ने 75वें स्वाधीनता दिवस पर ऐतिहासिक लाल किले के प्राचीर से राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि समय आ गया है कि भारत अपनी विकास यात्रा में खुद को नये सिरे से परिभाषित करे और नये संकल्पों के साथ आगे बढ़े। उन्होंने कहा, "हर देश की विकासयात्रा में एक समय ऐसा आता है, जब वह देश खुद को नये सिरे से परिभाषित करता है और खुद को नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ाता है। भारत की विकास यात्रा में भी आज वह समय आ गया है।"

प्रधानमंत्री ने आजादी के शताब्दी वर्ष तक की यात्रा को भारत के सृजन का अमृतकाल करार दिया। उन्होंने कहा, "यहां से शुरू होकर अगले 25 वर्ष की यात्रा नये भारत के सृजन का अमृतकाल है। इस अमृतकाल में हमारे संकल्पों की सिद्धि, हमें आजादी के 100 वर्ष तक ले जाएगी।"

नरेन्द्र मोदी ने कहा कि संकल्प तब तक अधूरा होता है, जब तक संकल्प के साथ परिश्रम और पराक्रम की पराकाष्ठा न हो। उन्होंने कहा, "इसलिए हमें हमारे सभी संकल्पों को परिश्रम और पराक्रम की पराकाष्ठा करके सिद्ध करके ही रहना है।"

प्रधानमंत्री ने संकल्पित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सभी के प्रयासों को अहम बताते हुए कहा, "सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास, इसी श्रद्धा के साथ हम सब जुटे हुए हैं। आज लाल किले से मैं आह्वान कर रहा हूं- सबका साथ- सबका विकास- सबका विश्वास और सबका प्रयास हमारे हर लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।"

उन्होंने कहा, "अब हमें सैचुरेशन की तरफ जाना है। शत प्रतिशत गांवों में सड़कें हों, शत प्रतिशत परिवारों के पास बैंक खाते हों, शत प्रतिशत लाभार्थियों के पास आयुष्मान भारत का कार्ड हो और शत-प्रतिशत पात्र व्यक्तियों के पास उज्ज्वला योजना का गैस कनेक्शन हो।"

वार्ता

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