चीनी मिलों को भी देना होगा सार्थक योगदान- भूसरेड्डी
मुख्य वित्त अधिकारियों ने चीनी उद्योग से संबंधित विभिन्न बिन्दुओं पर गन्ना आयुक्त कार्यालय के सभागार में आज बैठक की
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग, संजय आर. भूसरेड्डी की अध्यक्षता में संयुक्त सचिव, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग, भारत सरकार सुबोध कुमार सिंह के साथ प्रदेश की निजी चीनी मिल समूहों एवं एकल इकाईयों के मुख्य वित्त अधिकारियों ने चीनी उद्योग से संबंधित विभिन्न बिन्दुओं पर गन्ना आयुक्त कार्यालय के सभागार में आज बैठक की।
बैठक में उपस्थित चीनी मिलों के मुख्य वित्त अधिकारियों एवं प्रतिनिधियों से संजय आर. भूसरेड्डी ने कहा कि भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार गन्ना किसानों के हित में चीनी मिलों को समस्त आवश्यक सुविधाएं एवं अवसर उपलब्ध करा रही है। ऐसी स्थिति में चीनी मिलों को भी भारत सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उठाना चाहिये। अपर मुख्य सचिव द्वारा 30 लाख टन एवं 40 लाख टन बफर स्टॉक योजना तथा वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 कीे निर्यात सब्सिडी के उपयोगित धनराशि के प्रमाण-पत्र प्रेषण की स्थिति की समीक्षा की गयी। अपर मुख्य सचिव द्वारा चीनी मिलों के ब्वायलर से निकलने वाली राख से पोटाश बनाने के निर्देश भी दिये गये, उन्होनें बताया कि इस विधि से पोटाश बनाने पर विदेशी मुद्रा की बचत होगी क्योकि देश में पोटाश बाहरी देशों से आयात किया जाता है।
संयुक्त सचिव, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग, भारत सरकार सुबोध कुमार सिंह द्वारा भी बैठक के दौरान चीनी मिल प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा गया कि चीनी मिलों को भारत सरकार से प्राप्त सब्सिडी के माध्यम से गन्ना मूल्य का त्वरित भुगतान किया जाना चाहिये, ऐसा न करने वाली चीनी मिलों को भारत सरकार से मिलने वाली सब्सिडी योजनाओं से भविष्य में वंचित किया जा सकता है। चीनी मिल प्रतिनिधियों से मासिक विक्रय कोटा के विरूद्ध विक्रीत चीनी की भी समीक्षा की गयी।
उन्होनें कहा कि चीनी मिल प्रबन्धन को चीनी मिलों के सफल संचालन हेतु उच्च प्रबन्धकीय क्षमता वाले अधिकारी एवं कार्मिकों को सेवायोजित करना चाहिये तथा गन्ना मूल्य भुगतान एवं गन्ना विकास कार्याें को प्राथमिकता पर रखते हुए गन्ना मूल्य भुगतान हेतु वित्तीय प्रबन्धन, एवं ऋण आदि विकल्पों पर भी विचार करना चाहिये। संयुक्त सचिव, भारत सरकार द्वारा पर्यावरण एवं उर्जा संरक्षण, ब्वायलर से निकलने वाली राख से पोटाश उत्पादन एवं एथनॉल उत्पादन आदि मुद्दों पर चीनी मिलों के प्रतिनिधियों के साथ विभिन्न सूचनाएं साझा की गयी। उन्होनें चीनी मिलों को सी.एस.आर. के माध्यम से ड्रिप इरिगेशन पद्धति को बढावा दिये जाने हेतु भी निर्देश दिये। उन्होनें चीनी मिल आसवनियों को वर्ष भर चलाने हेतु निर्देशित किया कि जिससे एथनॉल सप्लाई बाधित न हो।
बैठक के अंत में अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग द्वारा कहा गया कि आत्म निर्भर भारत की संकल्पना को सार्थक करने हेतु प्रदेश की चीनी मिलों को सार्थक योगदान देना होगा। आज आयोजित इस बैठक में विशेष सचिव, उत्तर प्रदेश शासन शिव सहाय अवस्थी, अपर गन्ना आयुक्त (प्रशासन), डा. रूपेश कुमार, अपर गन्ना आयुक्त, आर.पी. यादव द्वारा भी अपने विचार रखे गये। संयुक्त गन्ना आयुक्त क्रय विश्वेश कनौजिया द्वारा आज की बैठक का संचालन किया गया।