बोले सीएम-गांवों में टैस्टिंग के अच्छे परिणाम-कोरोना की तीव्रता हो रही कम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सतत प्रयासों से प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तीव्रता, मंद हो रही है
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सतत प्रयासों से प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तीव्रता, मंद हो रही है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर अब 91.4 प्रतिशत हो गई है। विगत 24 घंटो में राज्य में कोरोना संक्रमण के कुल 7,336 मामले आए हैं। यह संख्या 24 अप्रैल को आए 38055 मामलों से लगभग 30 हजार कम है। पिछले 24 घंटों में 19,669 संक्रमित व्यक्ति उपचार के बाद डिस्चार्ज हुए हैं। वर्तमान में राज्य में कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या 1,23,579 है, जो 30 अप्रैल, 2021 की अधिकतम एक्टिव मामलों की संख्या 3,10,783 से 1.87 लाख कम है। इस प्रकार 30 अप्रैल के सापेक्ष वर्तमान में अधिकतम एक्टिव मामलों की संख्या में 69 फीसदी की कमी आई है।
बुधवार को टीम-9 के साथ कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेशवासियों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। प्रदेश में ओवरऑल कोविड पॉजिटिविटी रेट 3.6 फीसदी है। जबकि बीते 24 घंटों में यह दर 2.45 फीसदी रही है। प्रदेश की विशाल जनसंख्या और महामारी की स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश की यह स्थिति संतोषप्रद है।
एग्रेसिव टेस्टिंग की नीति उत्तर प्रदेश ने शुरुआत से ही अपनाई है। बीते 24 घंटों में एक नया रिकॉर्ड बनाते हुए प्रदेश में 2,97,327 टेस्ट हुए हैं। इसमें 02 लाख 19 हजार टेस्ट केवल ग्रामीण क्षेत्रों में हुई है। जबकि 1,22,000 टेस्ट आरटीपीसीआर माध्यम से हुए हैं। अब तक प्रदेश में 4,55,31,018 टेस्ट हो चुके हैं। गांवों में संचालित टेस्टिंग अभियान के अच्छे परिणाम प्राप्त हो रहे हैं।
प्राविधिक शिक्षा तथा व्यावसायिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित सभी संस्थानों सहित प्रदेश के समस्त शिक्षण संस्थानों में एक भी शिक्षक का वेतन में कटौती न की जाए। यदि संस्थान ने छात्रों से शुल्क लिया है , तो शिक्षकों का वेतन भुगतान अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए। संबंधित विभाग इस व्यवस्था का अनुपालन कराया जाना सुनिश्चित करें।
कोविड-19 महामारी के बीच अनाथ अथवा निराश्रित हुए बच्चे राज्य की संपत्ति हैं। कोविड कि कारण जिन बच्चों के माता-पिता का देहांत हो गया है, उनके भरण-पोषण सहित सभी तरह की जिम्मेदारी राज्य सरकार द्वारा मुहैया कराई जाएगी। महिला एवं बाल विकास विभाग इस संबंध में तत्काल विस्तृत कार्ययोजना तैयार करे।
होम आइसोलेशन के मरीजों को निगरानी समितियों के माध्यम से मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाए। कतिपय जिलों में स्थिति में सुधार की आवश्यकता है। ग्रामीण इलाकों में संचालित स्क्रीनिंग के वृहद अभियान में लक्षणयुक्त अथवा संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों को निगरानी समिति द्वारा तत्काल मेडिकल किट उपलब्ध करायी जा सके, इसके लिए निगरानी समितियों को पर्याप्त संख्या में मेडिकल किट उपलब्ध करायी जाए। लक्षणयुक्त एवं संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों को मेडिकल किट निगरानी समिति द्वारा ही उपलब्ध करायी जाए, क्योंकि संक्रमित व्यक्ति के पास सबसे पहले निगरानी समिति ही पहुंचती है।
ऑक्सिजन और अन्य जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी में संल्पित लोगों के खिलाफ एनएसए जैसे कठोर कानून के अनुसार कार्रवाई की जाए। पुलिस विभाग लगातार ऐसी गतिविधियों पर नजर बनाए रखे। इंटेलिजेंस को बढ़ाया जाए।
प्रत्येक जनपद में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की व्यवस्था को टीम लगाकर चुस्त-दुरुस्त बनाया जाए। इसके अन्तर्गत स्वास्थ्य केन्द्रों पर मेडिकल उपकरणों को कार्यशील स्थिति में रखा जाए तथा साफ-सफाई की व्यवस्था को प्रभावी बनाया जाए। स्वास्थ्य केन्द्रों की पेंटिंग भी करायी जाए।साथ ही, आवश्यक मैनपॉवर, पेयजल, शौचालय, बिजली आदि की व्यवस्था को भी दुरुस्त रखा जाए। यह कार्य आगामी एक सप्ताह में पूर्ण कर लिया जाए।
कोविड महामारी में चिकित्सा संसाधनों को बेहतर करने का कार्य प्रतिबद्धता पूर्वक किया जा रहा है। अकेले चिकित्सा शिक्षा विभाग ने बीते कुछ दिनों में 2400 चिकित्सकीय मानव संसाधन बढ़ाये गए हैं। स्वास्थ्य विभाग में भी तेजी से कार्यवाही हो रही है। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी डॉक्टर की ड्यूटी कार्यालयीन कार्य में कतई ना लगाई जाए। उनसे केवल चिकित्सकीय कार्य ही कराया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों के सीएचसी व पीएचसी में मैन पावर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग और सम्बन्धित जिलाधिकारी स्तर से कार्यवाही होनी है, जबकि मेडिकल कॉलेजों में प्राचार्य इसकी कार्यवाही करते हैं। शासन से सहयोग की जरूरत हो तो बताएं, अन्यथा चयन प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जाए। आयुष
सभी जनपदों में उपलब्ध सभी वेंटिलेटर्स व आक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर क्रियाशील अवस्था में रहने चाहिए। कतिपय जिलों में अब भी कुछ वेंटिलेटर क्रियाशील नहीं हैं। इन्हें तत्काल क्रियाशील कराया जाए। वेंटिलेटर्स के संचालन के लिए एनेस्थेटिक्स व टेक्नीशियन भी उपलब्ध रहने चाहिए। सभी कोविड और नॉन कोविड मरीजों के सुव्यवस्थित उपचार हेतु मांग के अनुसार ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। बीते 24 घंटे में 921 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का वितरण किया गया। ऑक्सिजन ऑडिट के अच्छे परिणाम मिले हैं, बीते कुछ दिनों में ऑक्सीजन की मांग में 10 से 15 फीसदी की कमी आई है। अधिकांश मेडिकल कॉलेजों में 500 एमटी (लगभग दो दिवस की मांग के अनुसार) ऑक्सीजन का बैकअप हो गया है। 24 घंटों में होम आइसोलेशन के करीब 4000 मरीजों को भी सुगमतापूर्वक ऑक्सीजन सिलिंडर की आपूर्ति हुई। कतिपय मेडिकल कॉलेजों में खाली सिलिंडर की जरूरत है, इसकी पूर्ति तत्काल कराई जाए।
निगरानी समिति द्वारा लक्षणयुक्त तथा संदिग्ध संक्रमित व्यक्ति को मेडिकल किट उपलब्ध कराने के साथ ही, ऐसे व्यक्तियों की सूची तैयार की जाए। यह सूची इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को उपलब्ध कराई जाए। आईसीसीसी इन व्यक्तियों के एंटीजन टेस्ट के लिए रैपिड रिस्पॉन्स टीम को भेजे। साथ ही, सम्बन्धित को मेडिकल किट उपलब्ध कराये जाने का सत्यापन भी करे। निगरानी समिति द्वारा तैयार की गयी सूची जिलाधिकारी द्वारा सम्बन्धित जनप्रतिनिधि को भी उपलब्ध करायी जाए, जिससे वे भी संक्रमित व्यक्ति से संवाद स्थापित करते हुए फीडबैक प्राप्त कर सकें।