आफत में राहत-सरकार ने घटाया आयात शुल्क-सस्ते होंगे खाद्य तेल

सरकार ने खाद्य तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर थोड़ी राहत दी है।

Update: 2021-06-18 09:13 GMT

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का सामना करते हुए परेशान हो रहे लोगों को सरकार ने खाद्य तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर थोड़ी राहत दी है। सरकार ने पाम आयल समेत विभिन्न खाद्य तेलों के आयात शुल्क मूल्य में 112 डालर प्रति टन कमी किए जाने का ऐलान किया है। इससे घरेलू बाजार में खाद्य तेल की अब कीमतें कम हो सकती हैं। 

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड अर्थात सीबीआईसी ने एक अधिसूचना जारी करते हुए पाम आयल के आयात शुल्क में 86 डाॅलर प्रति टन और आरबीडी यानी रिफाइंड, ब्लीच्ड एवं डिओडराइज्ड तथा कच्चे पामोलिन के आयात शुल्क में 112 डाॅलर प्रति टन की कटौती की है। दरअसल सरकार खाद्य तेलों की कीमतें घटाने के लिए स्थाई निदान को लेकर काम कर रही है।

केंद्र सरकार ने कहा है कि खाद्य तेलों के मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उसकी तरफ से बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। अभी तक देश को लोगों की कुल जरूरत का 70 फीसदी से ज्यादा तेल बाहरी देशों से आयात करना पड़ता है। जिस पर वैश्विक कीमतों का सीधा असर पढ़ता है। अगर घरेलू बाजार में खाद्य तेलों के दाम नीचे रखने हैं तो देश में तिलहन फसलों के उत्पादन को लगातार बढ़ावा देना होगा।

उधर अमेरिका और ब्राजील में सूखा पड़ने के कारण सोयाबीन की खेती पर काफी बुरा असर पड़ा है। जिससे आपूर्ति घटने के कारण कीमतें भी लगातार बढ़ रही है। बोर्ड ने कच्चे सोयाबीन तेल के आधार आयात मूल्य में भी 37 डॉलर प्रति टन कटौती की है। खाद्य तेल के आयात शुल्क मूल्य में यह कटौती 17 जून से प्रभाव में आ गई। कर विशेषज्ञों का कहना है कि शुल्क मूल्य में कटौती से घरेलू बाजार में खाद्य तेल की कीमतें कम हो सकती हैं क्योंकि मूल आयात मूल्य पर देय सीमा शुल्क कम में इससे कमी होगी।

एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि खाद्य तेल तिलहन की घरेलू खपत और मांग के बीच देश में बड़ा फासला है जिसकी वजह से इनका बड़ी मात्रा में आयात किया जाता है। पिछले कुछ माह के दौरान इनके खुदरा मूल्य में तेजी आई है।

Tags:    

Similar News