दिव्यांगजन के मन से हीनता हटानी होगी : कलराज मिश्र
सामाजिक अधिकारिता शिविर का शुभारम्भ;
समाज के जरूरतमंद वर्गाें को सामाजिक सुरक्षा देना हमारी सरकार की हमेशा प्राथमिकता रही है : अशोक गहलोत
जयपुर । राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि हमें समावेशी समाज का निर्माण करना है और दिव्यांगजन के मन से हीनता हटानी है। उन्होंने कहा कि संवेदनशीलता के कार्यों में लोगों को एकजुट होकर सक्रिय भागीदारी निभानी होगी।
राज्यपाल कलराज मिश्र भवानी निकेतन शिक्षा समिति परिसर में सामाजिक अधिकारिता शिविर को सम्बोधित कर रहे थे। भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित इस शिविर में राज्यपाल कलराज मिश्र एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एडिप एवं राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत दिव्यांगजन एवं वरिष्ठ नागरिकों को निःशुल्क सहायक उपकरण वितरित किये।
प्रारम्भ में राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारम्भ किया।
समारोह में अतिथियों द्वारा जरूरत मंदों को वॉकिंग स्टिक, श्रवण यंत्र, चश्में, कृत्रिम दांत, टा्रई साईकिल, मोटो टा्रई साईकिल और कौशल विकास प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र भी प्रदान किये।
राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि यह समारोह परोपकार के कार्यों का है और मुझे इस समारोह में आकर प्रसन्नता हुई है। उन्होंने दिव्यांगजनों को प्रणाम करते हुए कहा कि प्रदेश में मेरे सार्वजनिक कार्यक्रमों की शुरूआत इस समारोह से हो रही है। राज्यपाल ने कहा कि दिव्यांगजन के मन से हीनता हटानी होगी और उनकी प्रतिभाओं को तराश कर उन्हें आगे बढ़ाना होगा।
राज्यपाल ने कहा कि समावेशी समाज का परिचायक संवेदनशीलता है। हमें समावेशी समाज के लिए लोगों को हर प्रकार की सुविधाएं देनी होगी। राज्यपाल ने कहा कि यह कार्यक्रम समाज को शक्तिशाली बनाने का है। यहां उपकरणों में आधुनिकतम तकनीक का उपयोग किया गया है, जो सराहनीय है।
श्री भवानी निकेतन शिक्षा समिति परिसर जयपुर, में आयोजित 'सामाजिक अधिकारिता शिविर' में एडिप एवं राष्ट्रीय वयोश्री योजनान्तर्गत वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांगजनो हेतु नि:शुल्क सहायक उपकरण वितरण समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया pic.twitter.com/zgnXKM12j1
— कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) (@KalrajMishra) September 17, 2019
राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार की बहुत सी योजनाएं है और इन योजनाओं को गांव स्तर तक पहुंचाने की आवश्यकता है। उन्होंने वरिष्ठ नागरिकगण और युवाओं में सामजंस्य होने की जरूरत जताई। राज्यपाल ने कहा कि राजस्थान की धरती शौर्य की है। यह वीर भूमि है। यहां हमें परोपकार के कार्य करने है। उन्होंने कहा कि रोजगार के अवसर सुलभ कराने के लिए रोजगार के मेले लगाये जाये। इससे राज्य में सकारात्मक वातावरण बन सकेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि समाज के जरूरतमंद वर्गाें को सामाजिक सुरक्षा देना हमारी सरकार की हमेशा प्राथमिकता रही है। हमारी पिछली सरकार में हमने पेंशन नियमों को सरल बनाते हुए करीब 60 लाख जरूरतमंदों को पेंशन का लाभ दिया था। यह सामाजिक सुरक्षा का ऎसा ऎतिहासिक निर्णय था जिसने न केवल निराश्रित, निर्धन एवं असहाय लोगों को सम्बल दिया बल्कि समाज में उनका मान-सम्मान भी बढ़ाया। श्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान देश के उन अग्रणी राज्यों में है जहां सीमित संसाधनों के बावजूद पूरी संवेदनशीलता के साथ सामाजिक सुरक्षा की योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
The state Government is committed towards welfare of senior citizens and Divyangs and we will do our best to provide them every assistance to lead a healthy, happy life with dignity...
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) September 17, 2019
At the Samajik Adhikarita Shivir in #Jaipur... pic.twitter.com/ZzZJ6rCU68
अशोक गहलोत ने कहा कि हमारी संस्कृति और हमारे संस्कार हमें जरूरतमंदों की सेवा करना सिखाते हैं। राजस्थान की धरती सामाजिक सरोकारों के लिए जानी जाती है। उन्होंने कहा कि यहां बड़ी संख्या में स्वयंसेवी संस्थाएं सेवा कार्याें में जुटी हुई हैंं। कुछ संस्थाएं तो देशभर में ख्याति प्राप्त कर चुकी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वक्त सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने का है। सामाजिक न्याय हर व्यक्ति का अधिकार है। ऎसे में हर सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सामाजिक सुरक्षा की अवधारणा को मजबूत करे। राज्य सरकार इस संकल्प के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने आते ही वृद्धावस्था, विधवा एवं निशक्त पेंशन बढ़ाने का कल्याणकारी निर्णय लिया। साथ ही दिव्यांगजनों को सरकारी सेवाओं में 4 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। बीपीएल परिवार की बालिकाओं की शादी के लिए राज्य सरकार ने 21 हजार रुपये की सहायता देने का निर्णय लिया है।
अशोक गहलोत ने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, राजस्थान तथा भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) के सहयोग से आयोजित ऎसे शिविर जरूरतमंदों को सहायता प्रदान करने के लिए सराहनीय प्रयास है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचन्द गेहलोत ने कहा कि दिव्यांगजन और वृद्धजन मानव संसाधन का अभिन्न अंग है। उनको नजरअंदाज कर देश का संतुलित विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि राजस्थान में दिव्यांगजनों के हित में बेहतर कार्य हो रहा है। दिव्यांगों को यूनिवर्सल आईडी बनाने के मामले में राजस्थान एवं मध्यप्रदेश सबसे ऊपर हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में सरकारी सेवाओं में केन्द्र की भांति 4 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने पिछले पांच सालों में दिव्यांगजनों एवं वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के लिए करीब 8 हजार शिविर आयोजित किए हैं। इनके माध्यम से जरूरतमंदों को आवश्यक उपकरण और कृत्रिम अंग वितरित किए गए हैं।
प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने आग्रह किया कि केन्द्र सरकार सामाजिक न्याय से जुड़ी केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में अपना अंशदान बढ़ाए ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंदों को लाभान्वित किया जा सके।
सांसद राज्यवद्र्धन सिंह राठौड़, सांसद रामचरण बोहरा और जयपुर के कलक्टर जगरूपसिंह यादव ने भी समारोह को सम्बोधित किया। विधायक रफीक खान, एलिम्को के सीएमडी डीआर सरीन सहित बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।