गरीब परिवारों को मिलेगा मुफ्त खाद्यान्न और एक हजार प्रतिमाह भरण पोषण भत्ता

राज्य सरकार ने रोज कमाकर खाने वालों को प्रति परिवार एक हजार रुपये प्रतिमाह दिये जाने का निर्णय लिया गया है

Update: 2021-05-19 13:15 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के मद्देनजर राज्य सरकार ने रोज कमाकर खाने वालों को प्रति परिवार एक हजार रुपये प्रतिमाह दिये जाने का निर्णय लिया गया है।

बुधवार को राजस्व विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कोरोना-19 की वैश्विक महामारी के चलते गरीबों और जरूरतमंदों को तत्काल राहत पहुंचाने के उद्देश्य से सभी राशन कार्ड धारकों को 03 माह का राशन निःशुल्क उपलब्ध कराया जायेगा। प्रतिमाह उपलब्ध करायी जाने वाली धनराशि निशुल्क राशन के अतिरिक्त होगी।

उन्होंने बताया कि राशन कार्ड धारकों को 03 माह का निशुल्क राशन और पंजीकृत श्रमिकों, अन्य श्रमिकों, सभी पटरी-रेहड़ी दुकानदारों, रिक्शा व ई-रिक्शा चालकों, नाविकों, कुली, पल्लेदारों, नाई, धोबी, मोची, हलवाई आदि रोज कमाकर खाने वालों को 1000 प्रतिमाह भरण-पोषण भत्ता प्रदान किया जायेगा।

पात्र व्यक्तियों के चयन के लिए जिलों पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिलास्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी जीएसटी की श्रेणी में न आने वाले परम्परागत रूप से कार्य करने वालों की पात्रता सुनिश्चित करेगी। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में चारों तरफ तेजी के साथ फैल रही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की रफ्तार को थामने के लिए राज्यभर में आंशिक लॉकडाउन लगाया गया है। जिसके चलते केवल आवश्यक वस्तुओं की चुनिंदा दुकानों को निर्धारित किए गए समय के भीतर खोलने की अनुमति दी जा रही है। मकान आदि निर्माण कार्य बंद होने की वजह से रोजाना रोजी रोटी कमाने वाले मजदूर व रेहडी, ठेली लगाकर छोटा मोटा रोजगार कर अपनी गृहस्थी चलाने वाले गरीब लोग रोजगार के अभाव में अपने घर बैठे हुए हैं। जिसके चलते गरीब और मजदूर तबके के लोगों को अपना घरेलू खर्च चलाने में बड़ी परेशानियां उठानी पड़ रही है। अनेक लोग साहूकारों से कर्ज लेकर अपने परिवार के लिये दो वक्त की रोटी का बंदोबस्त कर रहे हैं। ऐसे परिवारों के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा की गई भरण पोषण भत्ता और निःशुल्क खाद्यान्न की घोषणा वरदान साबित हो सकती है।

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