सरकार कर्मचारियों को एसीआर से मुक्ति दिलाये - प्रो चावला
गृह मंत्रालय से कर्मचारियों को वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) से मुक्ति दिलाने का आग्रह किया है।;
अमृतसर। पंजाब की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री प्रो लक्ष्मीकांता चावला ने वार्षिक गृह मंत्रालय से कर्मचारियों को वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) से मुक्ति दिलाने का आग्रह किया है।
प्रो चावला ने शनिवार को कहा कि अंग्रेजी शासन के समय तत्कालीन सरकार ने अपने कर्मचारियों के गले में गुलामी का फंदा हर समय मजबूती से लटकाये रखने के लिये एसीआर अर्थात वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट का बुरा रिवाज चलाया था। हर कर्मचारी को यही डर रहता था कि न जाने उसका नजदीकी उच्चाधिकारी न जाने उसकी रिपोर्ट सरकार को कितनी बिगाड़ कर भेज दे। शायद मंदिर गुरुद्वारे जाने पर भारत माता की जय कहने पर भी कर्मचारी को दंडित कर दिया जाये। इसी एसीआर के डर से कर्मचारी सही बात न कर पाते थे न कह पाते थे, पर अफसोस यह है कि भारत सरकार ने आजादी का अमृत महोत्सव तो मना लिया, पर कर्मचारियों को इस एसीआर के चंगुल से मुक्त नहीं करवाया।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि क्या यह जरूरी है कि हर कर्मचारी के सिर पर एसीआर की तलवार लटकी रहे और वह अपने अधिकारियों के लिये चापलूसी और कहीं रिश्वत देने के लिये मजबूर हो अन्यथा गलत काम भी उच्चाधिकारियों के कहने से करता रहे। उन्होंने कहा, “ मैंने स्वयं स्वास्थ्य मंत्री रहते कर्मचारियों की पीड़ा को सुना है कि उनके उच्चाधिकारी उनसे क्या क्या चाहते हैं और वे केवल उन्हें प्रसन्न करने के लिए किस तरह काम करते हैं, मानसिक यातना भी सहते हैं। मेरी भारत सरकार से अपील है कि यह एसीआर वाला फंदा अब स्वतंत्र भारत के कर्मचारियों के गले से निकाला जाये। जो कोई कर्मचारी देश विरोधी या सरकार विरोधी काम करता है अथवा अपनी ड्यूटी पूरी नहीं करता उनका अलग से ध्यान किया जाए। हर कर्मचारी को हर समय डर के साये में न रखा जाये। ”