निलंबित सांसदों पर शिकंजा- चेंबर,लॉबी एवं गैलरी मे हुई नो एंट्री
सदन में हंगामा करने पर सस्पेंड सांसदों पर उनके पार्लियामेंट चैंबर, लॉबी एवं गैलरी में आने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है
नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में चूक के मामले को लेकर लोकसभा एवं राज्यसभा में हंगामा करने पर सस्पेंड किए गए सांसदों पर और अधिक शिकंजा कसते हुए उनके पार्लियामेंट चैंबर, लॉबी एवं गैलरी में आने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। उधर उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति की ओर से टीएमसी सांसद के खिलाफ राजधानी के थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है।
संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मामले को लेकर लोकसभा एवं राज्यसभा में हंगामा करने के आरोप में निलंबित किए गए सांसदों के अब पार्लियामेंट चैंबर, लाबी एवं गैलरी में आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। लोकसभा सचिवालय की ओर से देर रात इस बाबत सर्कुलर जारी करते हुए निलंबित किए गए सांसदों पर अब और अधिक शिकंजा कस दिया गया है। 13 दिसंबर को संसद में हुई घुसपैठ के मामले पर गृहमंत्री के बयान की मांग करने की वजह से विपक्ष के 141 सांसद 19 दिसंबर तक सस्पेंड किया जा चुके हैं। इनमें 107 लोकसभा एवं 34 सांसद राज्यसभा के भी हैं। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी किए गए सर्कुलर के मुताबिक निलंबित किए गए सांसदों को अब चैंबर, लॉबी और गैलरी में एंट्री नहीं मिलेगी।
सस्पेंड किए गए सांसद उन संसदीय समितियों की बैठकों से भी निलंबित रहेंगे, जिनके वह सदस्य हैं। इसके अलावा निलंबित किए गए सांसद समितियों के इलेक्शन में भी वोटिंग का अधिकार नहीं रख सकते हैं। उनके नाम पर लिस्ट आफ बिजनेस में कोई आइटम नहीं रखा गया है। सर्कुलर में कहा गया है कि सस्पेंशन पीरियड में सांसदों का दिया गया कोई भी नोटिस स्वीकार्य नहीं है। अगर सांसद पूरे सत्र के लिए निलंबित होते हैं तो सस्पेंशन पीरियड के लिए निलंबित किए गए सांसद डेली अलाउंस के भी हकदार नहीं होंगे, क्योंकि संसद सदस्य के वेतन भत्ते और पेंशन अधिनियम 1954 की धारा 2D के तहत ड्यूटी की जगह पर निलंबित सांसद का रहना ड्यूटी पर नहीं होना माना जा सकता है।