नई शिक्षा नीति से बच्चे बढ़ेंगे बुद्धिमता की ओर
नई शिक्षा नीति कृत्रिम बुद्धिमत्ता से प्रभावित वर्तमान की पीढ़ी को प्रभावी बुद्धिमत्ता की ओर ले जाएगी।
नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने गुरुवार को कहा कि नई शिक्षा नीति कृत्रिम बुद्धिमत्ता से प्रभावित वर्तमान की पीढ़ी को प्रभावी बुद्धिमत्ता की ओर ले जाएगी और इस नीति द्वारा प्रतिभा की पहचान के साथ-साथ उसका विकास और विस्तार भी किया जायेगा।
डॉ निशंक ने यहां शारदा विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन इस संस्थान से डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए एक परिवर्तन का दिन है और अब आप जहां भी जाएं, अपनी जड़ों से जुड़े रहें तथा अपने कार्यक्षेत्र में भारतीय जीवन मूल्यों की एक स्पष्ट छाप रखें। इसके अलावा उन्होनें सभी छात्रों को लगातार अपडेट, अपग्रेड और एजुकेट रहते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
उन्होंने कहा कि यह बेहद सराहनीय है कि शारदा यूनिवर्सिटी ने अपने 13 स्कूलों के माध्यम से 150 से अधिक शैक्षणिक कार्यक्रम प्रदान किए और इतने कम समय में एनआईएएफ़ रैंकिंग में 151 से 200 के बीच की श्रेणी में स्थान हासिल किया एवं एनएएसी द्वारा मान्यता प्राप्त की।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हमारी नयी शिक्षा नीति ना सिर्फ देश में बल्कि पूरे विश्व में विचार-विमर्श का केंद्र रही और यह विश्व के सबसे बड़े रिफॉर्म के रूप में भी उभरी है। इस दौर में ऐसे रिफ़ॉर्म का कोई दूसरा उदाहरण पूरे विश्व में मौजूद नहीं है। इस नीति के माध्यम से हम सब भारत को एक वैश्विक 'ज्ञान की महाशक्ति' के रूप में स्थापित करने हेतु प्रतिबद्ध भी हैं और सक्षम भी हैं।"
डॉ़ निशंक ने कहा, "मैं आप सब लोगों से आह्वान करता हूं कि आपके पास ज्ञान, अनुभव, कौशल तथा एक्सपर्टीज का एक भरपूर खजाना है, तो अब समय आ गया है कि अपनी क्षमताओं का उपयोग करके एक नए भारत, श्रेष्ठ, सशक्त, समृद्ध भारत का निर्माण करें। वह दिन दूर नहीं जब हम अपने भारत को पुनः विश्व गुरु के रूप में स्थापित करेंगे।"
आज 3593 छात्रों को स्नातक तथा 1203 छात्रों को परास्नातक की डिग्री प्रदान की गई और 51 छात्रों ने पीएचडी की डिग्री तथा 26 छात्रों को स्वर्ण पदक एवं 6 छात्रों को चांसलर पदक से सम्मानित किया गया। इसके अलावा 3 छात्रों ने कुलपति पदक भी प्राप्त किया।
इस कार्यक्रम में मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा, क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के महासचिव डॉ रवि सिंह, विश्वविद्यालय के चांसलर पी के गुप्ता, प्रो-चांसलर वाई. के. गुप्ता, वाइस चांसलर प्रोफेसर शिबराम खारा एवं विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारी तथा छात्र-छात्राएं तथा अभिभावक भी जुड़े।