NEET/JEE की परीक्षा नहीं टलेगी,सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की 6 राज्यों की पुनर्विचार याचिका

परीक्षा खारिज करने के पक्षकार राज्यों ने दाखिल किया था रिव्यू पिटिशन ।

Update: 2020-09-04 15:42 GMT

नई दिल्ली जेईई-नीट(JEE- NEET) के एग्जाम को कैंसिल करने को लेकर 6 राज्यों की तरफ से दाखिल रिव्यू पिटीशन (कोर्ट में आग्रह है कि वो अपने निर्णय पर फिर से विचार करें) को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद क्लियर है कि अब जेईई और नीट (JEE- NEET) के एग्जाम नहीं टलेगें।

दरअसल, गैर-भाजपा शासित 6 राज्यों के कैबिनेट मंत्रियों ने नीट (NEET) और जेईई (JEE) परीक्षा को टालने के लिए रिव्यू पिटीशन(पुनर्विचार याचिका) दायर की थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट से 17 अगस्त को दिए गए आदेश पर पुनर्विचार करने की मांग की गई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

परीक्षा खारिज करने के पक्षकार इन राज्यों ने दाखिल किया था रिव्यू पिटिशन

रिव्यू पिटीशन को 6 गैर-बीजेपी शासित राज्यों के कैबिनेट मंत्रियों ने दायर किया था। इसमें पश्चिम बंगाल के मलय घटक, राजस्थान के रघु शर्मा, झारखंड के रामेश्वर ओरांव,पंजाब के बी एस सिद्धू, छत्तीसगढ़ के अमरजीत भगत, और महाराष्ट्र के उदय रवीन्द्र सावंत शामिल हैं।

बीते दिनों ही कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जेईई नीट परीक्षा मुद्दे पर बैठक बुलाई थी। अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में परीक्षा स्थगित कराने को लेकर 7 राज्यों के चीफ मिनिस्टर की एक बैठक हुई थी, जिसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि इस मुद्दे पर सभी राज्य सुप्रीम कोर्ट चलें। इसके बाद फैसला लिया गया था कि सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन याचिका दाखिल की जाएगी।

17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने NEET और JEE एग्जाम कैंसिल करने की याचिका खारिज की थी। बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा था कि परीक्षा स्थगित करने से छात्रों का भविष्य संकट में आ जाएगा। जीवन को कोविड-19 में भी आगे बढ़ना चाहिए। क्या हम सिर्फ परीक्षा रोक सकते हैं? हमें आगे बढ़ना चाहिए। अगर परीक्षा नहीं हुई तो क्या यह देश के लिए नुकसान नहीं होगा? छात्र शैक्षणिक वर्ष खो देंगे।

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