डॉ हर्षवर्धन की अपील- प्लाज्मा दान करने से न घबरायें लोग
कोरोना से संक्रमण मुक्त हुए दिल्ली पुलिसकर्मियों ने एम्स में प्लाज्मा किया और तब मैंने इन्हें प्लाज्मा वॉरियर्स कहा था
नयी दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ़ हर्षवर्धन ने आज कहा कि कोरोना संक्रमण मुक्त हुए लोगों को प्लाज्मा दान करने से घबराना नहीं होना चाहिए क्याेंकि यह रक्तदान से भी आसान है।
मंत्री डॉ़ हर्षवर्धन ने आज संडे संवाद में कहा कि लोग प्लाज्मा देने से कतराते हैं क्योंकि शायद उन्हें इससे कुछ डर लगता है। केंद्रीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कुछ चुनिंदा संस्थानों को ही प्लाज्मा थेरेपी के परीक्षण की मंजूरी दी है। प्लाज्मा के दानकर्ता को तलाशना मुश्किल काम है क्याेंकि इसके लिए लोग आगे नहीं आते हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों को यह बताने की जरूरत है कि प्लाज्मा दान क्या होता है। लोगों के अंदर से इसके प्रति भय को हटाने की आवश्यकता है। प्लाज्मा दान देने वालों को कोई खतरा नहीं होता है। यह वास्तव में रक्तदान से भी आसान है। प्लाज्मा दान करने वालों का हीमोग्लोबिन का स्तर भी नहीं घटता है।
आजकल किसी को पूर्ण रक्त नहीं चढ़ाया जाता है। हमारे रक्त में चार महत्वपूर्ण चीजें होती हैं जैसे डब्ल्यूबीसी यानी सफेद रक्त कोशिका, आरबीसी यानी लाल रक्त कोशिका, प्लैटलेट और प्लाज़्मा। इन्हें रक्त से अलग-अलग करके जरूरत के हिसाब से जरूरतमंद लोगों को चढ़ाया जाता है। प्लाज़्मा, रक्त में 55 प्रतिशत से अधिक मात्रा में मौजूद हल्के-पीले रंग का पदार्थ होता है, जिसमें पानी, नमक और अन्य एंजाइम होते हैं। कोविड-19 से ठीक हुए लोग 28 दिन बाद प्लाज़्मा दान कर सकते हैं, क्योंकि उनमें तब तक एंडीबॉडी विकसित हो जाती है।
मंत्री डॉ़ हर्षवर्धन ने कहा कि इस दिशा में दिल्ली पुलिस ने बेहतर काम किया है। कोरोना से संक्रमण मुक्त हुए दिल्ली पुलिसकर्मियों ने एम्स में प्लाज्मा किया और तब मैंने इन्हें प्लाज्मा वॉरियर्स कहा था।
वार्ता