हवाई सफर को लेकर दिखा रहे हवाई सपने
सरकारी अफसर कुछ सालों से लगातार हवाई जहाज उड़ाने के झूठे हवाई सपने दिखा रहे हैं।
कोटा । राजस्थान में कोटा के लोगों को कुछ नेता और उससे भी बढ़कर मुफ्तखोर सरकारी अफसर कोटा को विमान सेवा से जोड़ने के लिए कुछ सालों से लगातार हवाई जहाज उड़ाने के झूठे हवाई सपने दिखा रहे हैं।
ताजा रिपोर्ट के अनुसार जब नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने यह स्पष्ट घोषणा की थी कि केंद्र सरकार और उसका अधिनस्थ नागरिक उड्डयन विभाग जब भी चाहे, तब राज्य सरकार नए प्रस्तावित कोटा के हवाई अड्डे के लिए भूमि देने को तैयार है तो अब भारतीय विमानअड्डा प्राधिकरण (एआईए) ने राज्य सरकार से कोटा जिले में शंभूपुरा गांव के पास 678 हेक्टेयर जमीन में एयरपोर्ट के लिए मांगी है। राज्य सरकार और कोटा (उत्तर) से विधायक शांति धारीवाल हवाई अड्डे के लिए कृत संकल्पित भी हैं लेकिन क्या कोटा में नया हवाई अड्डा बनने के बाद कोटा शहर जयपुर, दिल्ली, इंदौर या मुंबई से विमान सेवा से जुड़ पाएगा, इसमें संदेह है क्योंकि इसके लिए पहले के अब तक के सारे प्रयास विफल रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि कुछ विधायक, सांसद और अधिकारी जिन्हें विमानों में मुफ्त में सफर करने की सुविधा हासिल है, वही सबसे अधिक कोटा में एयरपोर्ट बनवाने और कोटा को विमान सेवा से जोड़ने की लगातार मांग कर रहे हैं जबकि जमीनी सच्चाई यह है कि चार दशक पहले जब पहली बार कोटा को कोटा- दिल्ली वाया जयपुर विमान सेवा से जोड़ा गया तो विमान सेवा को कुछ समय बाद ही इसलिए बंद करना पड़ा क्योंकि पर्याप्त संख्या में यात्री भार नहीं मिला और विमानन कंपनी ने अपने घाटे के चलते इसे बंद कर दिया।
करीब दाे वर्ष पूर्व भी कोटा को विमान सेवा से जोड़ा लेकिन उस विमानन कंपनी ने अपना मुंह मोड़ लिया क्योंकि ऐसे कई अवसर आए जब विमान जयपुर से कोटा और कोटा से जयपुर बिना यात्री के खाली आया गया। अब महत्वपूर्ण सवाल यह है कि नेता- अफसर कई करोड़ रुपए खर्च करके नया हवाई अड्डा बनवाना चाहते हैं लेकिन जब हवाई सेवा ही शुरू नहीं होगी नए हवाई अड्डे की उपयोगिता क्या है। क्योंकि सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि कोई भी विमानन कंपनी पर्याप्त यात्री भार के नहीं मिलने के कारण कोटा से विमान सेवा शुरू करने को तैयार नहीं है।