अब नई मुसीबत-कोरोना के डेल्टा प्लस वैरीअंट ने बढ़ाई चिंता-बोले विशेषज्ञ
कोविड-19 का नया डाटा प्लस वेरिएंट कोरोना वायरस की तीसरी लहर के आने का कारण बन सकता है।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर की रफ्तार कम होने के बीच देश के कुछ राज्यों में कोविड-19 के अत्यधिक संक्रामक स्वरूप डेल्टा प्लस वेरिएंट के नए मामलों ने विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंतायें बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड-19 का नया डाटा प्लस वेरिएंट कोरोना वायरस की तीसरी लहर के आने का कारण बन सकता है।
मंगलवार को स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया है कि कोविड-19 का नया डेल्टा प्लस वेरिएंट भारत में सबसे पहले सामने आए डेल्टा या बी.1. 617.2 वेरिएंट में म्यूटेंट से बना ह। माना जा रहा है कि भारत में अभी तक चल रही कोरोना संक्रमण की दूसरी लेकर के आने की एक बड़ी वजह डेल्टा वैरीअंट भी था। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में बायो केमिस्ट्री विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर सुभदीप कर्माकर ने मंगलवार को कहा है कि कोविड-19 का नया जो डेल्टा वैरीअंट सामने आया है। यह काफी संक्रामक है। कोविड-19 की बीमारी दोबारा से सामान्यता नए वेरिएंट के साथ आती है जो और भी खतरनाक हो सकता है। इस वायरस की प्रकृति म्यूटेंट करने की है। डॉ. कर्माकर ने कहा कि भारत सरकार जो वैक्सीन इस्तेमाल कर रही है वो बहुत प्रभावी है। इससे बहुत सुरक्षा मिलती है। जो भी लोग पात्र हैं वे वैक्सीन जरूर लगवाएं। इससे बीमारी की तीव्रता, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु की संभावना बहुत कम हो जाती है। ऐसा स्टडी में पाया गया है।
उन्होंने कहा कि डेल्टा प्लस में अतिरिक्त म्यूटैंट के 417 एन है, जो डेल्टा बी.1.617.2 को डेल्टा प्लस में बदलता है। ऐसी अटकलें हैं कि यह म्यूटैंट अधिक संक्रामक है और यह अल्फा वैरिएंट की तुलना में 35-60ः अधिक संक्रामक है। यह संभावित रूप से संक्रामक हो सकता है, लेकिन भारत में यह संख्या अभी भी बहुत कम है। यह अब भी रुचि का एक वैरिएंट है और अभी चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि संक्रमित लोगों की संख्या कम है।