हमले से सबक-जम्मू एयर बेस में लगे एंटी ड्रोन सिस्टम और जैमर
जम्मू एयर फोर्स स्टेशन पर हुए ड्रोन हमले के बाद सजग होते हुए स्टेशन की सुरक्षा चाक-चैबंद कर दी गई है
नई दिल्ली। जम्मू एयर फोर्स स्टेशन पर हुए ड्रोन हमले के बाद सजग होते हुए स्टेशन की सुरक्षा चाक-चैबंद कर दी गई है। किसी भी ड्रोन अटैक से निपटने के लिए एयर फोर्स स्टेशन में एंटी ड्रोन सिस्टम और जैमर आदि को भी तैनात किया गया है। एयरफोर्स स्टेशन के टेक्निकल एरिया में रविवार को ड्रोन के जरिए विस्फोटक गिराए जाने के बाद यह फैसला लिया गया है।
बुधवार को इंडिया टुडे की रिपोर्ट में बताया गया है कि एनएसजी की ओर से जम्मू स्थित एयर फोर्स स्टेशन में एंटी ड्रोन सिस्टम लगाया गया है। इसके अतिरिक्त एंट्री ड्रोन गन्स की भी एयर फोर्स स्टेशन में तैनाती की गई है। जिनकी मदद से किसी भी संदिग्ध ड्रोन को तुरंत ही मार गिराया जाएगा। जानकारी मिल रही है कि ड्रोन हमले के किसी भी खतरे से निपटने के लिए एयर फोर्स स्टेशन में यह सिस्टम लागू किया गया है। इसके लिए रेडियों फ्रीक्वैंसी डिटेक्टर और सॉफ्ट जेमर लगाया गया है। 27 जून को हुए ड्रोन हमले की घटना के बाद से जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। जम्मू एयर बेस पर ड्रोन हमला ऐसा पहला हमला है जिसे इस तरीके से पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों ने अंजाम दिया है। इसके बाद से ही सुरक्षाबलों की चिंताएं बढ़ गई है। आतंकवाद के इस नए तरीके ने सुरक्षाबलों के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी है। इतना ही नहीं जम्मू एयर बेस पर अटैक के बाद भी लगातार दो दिनों तक कई इलाकों में ड्रोन देखे गए हैं। इनमें से ही एक इलाका था, जम्मू में ही स्थित रत्नूचक-कालूचक मिलिट्री स्टेशन। हालांकि सैनिकों की ओर से फायरिंग किए जाने के बाद ये ड्रोन वापस चले गए। फिलहाल जम्मू में हुए हमले की जांच का जिम्मा राष्ट्रीय जांच एजेंसी या छप्। को सौंप दिया गया है। यही नहीं इस बीच सूत्रों का कहना है कि इस हमले में चीनी ड्रोन्स का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। बता दें कि जम्मू में हुई घटना के मद्देनजर राजौरी जिले में प्रशासन ने ड्रोन मशीनों के भंडारण, बिक्री, परिवहन और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। राजौरी के जिलाधिकारी राजेश कुमार शवन की ओर से जारी आदेश के अनुसार, जिसके पास ड्रोन या ऐसी वस्तुएं हैं उन्हें स्थानीय पुलिस थाने में जमा करना होगा।