पत्नी के हत्यारोपी पति एवं देवर को उम्रकैद, गला दबाकर की थी हत्या

चूंकि आमना चश्मदीद गवाह थी लिहाजा उसकी गवाही के बाद मुकदमा हत्या में सुने जाने का प्रार्थना पत्र दिया गया;

Update: 2021-10-01 10:53 GMT

कानपुर। संपत्ति विवाद को लेकर पत्नी की गला दबाकर हत्या करने के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने पति और देवर को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए उन्हें 30-30 हजार रुपए के जुर्माने के अर्थदंड से भी दंडित किया है। आरोपी पति और उसके भाई ने महिला की हत्या को उस समय अंजाम दिया था जब वह घर के भीतर अकेली थी और दोनों ने उसे जहरीला पदार्थ पिलाने के बाद उसका गला दबा दिया था।

छावनी निवासी बाबू ने अदालत में प्रार्थना पत्र देते हुए बताया था कि उनकी मां जरीना झाड़ी बाबा बढ़ाव में रहने वाली बहन आमना बेगम के यहां 2015 की 20 सितंबर को गई थी। 7 अक्टूबर की दोपहर 2.00 बजे बिठूर के सस्सूपुरवा में रहने वाले उसके पिता जावेद अपने छोटे भाई बबलू के साथ वहां पर आए। उस दौरान जरीना घर के भीतर अकेली थी। मौका पाकर जावेद और बबलू ने जरीना को जहरीला पदार्थ खिला दिया और जान से मारने के लिए जरीना का गला दबाते हुए सस्सूपुरवा का मकान अपने नाम कराने के लिए कागजों में जरीना का अंगूठा लगवाने का प्रयास किया। इसी दौरान जरीना की बहन आमना आ गई और उसने शोर मचा दिया।

जिससे आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। इसी बीच दोनों आरोपी मौका पाकर वहां से फरार हो गए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला की दम घुटने से मौत होने की पुष्टि हुई थी। एडीजीसी सुशील कुमार पांडेय ने बताया कि यह मुकदमा कोर्ट के आदेश पर दर्ज किया गया था। एडीजीसी भाष्कर मिश्रा के मुताबिक पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने में चार्जशीट लगाई थी। चूंकि आमना चश्मदीद गवाह थी लिहाजा उसकी गवाही के बाद मुकदमा हत्या में सुने जाने का प्रार्थना पत्र दिया गया। न्यायालय ने हत्या में सुनवाई की और दोनों को दोषी पाते हुए सजा सुनाई।



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