नहीं है मौत का डर- सात निकले बाइक पर सवार होकर
कोरोना संक्रमण के कारण लगाये गये लाॅकडाउन के साथ-साथ लोगों को सड़क पर अपना डेरा जमाए बैठी मौत का भी डर नहीं रहा है।
खतौली। कोरोना संक्रमण के कारण लगाये गये लाॅकडाउन के साथ-साथ लोगों को सड़क पर अपना डेरा जमाए बैठी मौत का भी डर नहीं रहा है। कोविड-19 की गाइडलाईन और तमाम यातायात के नियमों को बलाए तांक पर रखकर एक परिवार के सात लोग बाइक पर सवार होकर अपनी जिंदगी को हथेली पर रखकर मौत का सफर तय करने के लिए निकल पड़े। इस नजारे को देख चेकिंग कर रहे पुलिसकर्मियों की भी आंखें फटी की फटी रह गई।
दरअसल कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की रफ्तार को थामने के लगाए लिए लगाए गए आंशिक लॉकडाउन का पालन कराने के लिए खतौली कोतवाली क्षेत्र की भंगेला चैकी पुलिस चेक पोस्ट पर बिना मतलब आ जा रहे लोगों की भीड़ को थामने के लिए चेकिंग अभियान चला रही थी। इसी दौरान पहुंची बाइक पर 7 लोग बैठे हुए थे। जिसमें माता-पिता के अलावा उनके 5 बच्चे भी शामिल थे। दो बच्चों को पिता ने पेट्रोल की टंकी के ऊपर बैठाया हुआ था। जबकि 2 बच्चे माता-पिता के बीच में बैठे हुए थे। इतना ही नहीं बाइक पर सवार हुई माता भी एक बच्चे को अपनी गोद में लेकर बैठी हुई थी। इस नजारे को देखकर चेकिंग कर रही पुलिस की भी आंखें फटी की फटी रह गई। पुलिस ने चेकिंग के लिए बाइक को रुकवाकर बाइक चला रहे युवक को जमकर फटकार लगाई और कोरोना गाइडलाइन के साथ सड़क यातायात के नियमों के ज्ञान का पाठ पढ़ाया। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने कहा कि ईश्वर ना करें यदि बाइक अनियंत्रित हो जाए तो फिर किस तरह से खुद के साथ साथ अपनी और बच्चों को मौत से दूर रख पायेगा।
गौरतलब है दिल्ली-देहरादून इलाके का सबसे अत्यंत व्यस्तम राजमार्ग है। जहां रात और दिन हल्के भारी वाहनों का रैला दिन रात दौडता रहता है। जिसके चलते रोजाना अनेक छोटी बडी र्दुघटनायें होती रहती है। ऐसे हालातों के बीच महज दो लोगों के लिये बनाई गई बाईक पर सात लोगों का सफर पलक झपकते ही मौत का सफर बन सकता है।