शहर में पड़ा छापा-बड़ी तादाद में मिली नकली दवाइयां
एक चिकित्सक के क्लीनिक पर बने मेडिकल स्टोर पर औषधि विभाग की ओर से की गई छापामार कार्रवाई में बड़ी मात्रा में नकली दवाइयां बरामद की गई हैं।
मुजफ्फरनगर। शहर के भोपा रोड पर स्थित एक चिकित्सक के क्लीनिक पर बने मेडिकल स्टोर पर औषधि विभाग की ओर से की गई छापामार कार्रवाई में बड़ी मात्रा में नकली दवाइयां बरामद की गई हैं। बरामद हुई दवाइयों के नमूने लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिए गए हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की एक बड़ी दवा मंडी के रूप में उभरे जनपद में इस छापामार कार्यवाही से दवा कारोबारियों में हड़कंप मचा रहा।
बुधवार को सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक कुमार व औषधि निरीक्षक की अगुवाई में स्वास्थ्य विभाग की टीम शहर के भोपा रोड पर पंजाबी बारात घर के पास ही स्थित डॉक्टर पीयूष के क्लीनिक पर पहुंची और वहां पर स्थित न्यू विजय लक्ष्मी मेडिकल स्टोर की घेराबंदी करते हुए छापामार कार्रवाई की गई। मेडिकल स्टोर की जांच पड़ताल में दुकान के भीतर से बड़ी संख्या में ऐसी दवाइयां मिली, जिन्हें नकली बताया जा रहा है।
औषधि निरीक्षक ने दुकान से बरामद की गई दवाइयों के सैंपल लेकर जांच के नमूने प्रयोगशाला के लिए भेजें। उन्होंने बताया कि नकली दवाओं के सिलसिले में आज मेरठ और नोएडा में भी कई स्थानों पर छापामार कार्यवाही की गई है। दरअसल पिछले दिनों देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में नकली दवाओं की एक बड़ी खेप पकड़ी गई थी। इसके आधार पर जब जांच पड़ताल शुरू हुई तो परत दर परत नकली दवाओं के बड़े रैकेट का खुलासा होता चला गया। इस दौरान ज्ञात हुआ कि मेरठ के निकट खरखौदा क्षेत्र के वीर खेड़ा स्थित एक फैक्ट्री में नकली दवाइयां तैयार की जा रही है। फैक्ट्री से तैयार की गई इन दवाओं को बाद में गौतमबुद्ध नगर भेजा जाता था। जहां पर इन दवाइयों की पैकिंग करने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में इनकी आपूर्ति कर दी जाती थी। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में नकली दवाओं का यह मामला पकड़ में आने के बाद मुंबई पुलिस पिछले दिनों मेरठ पहुंची थी और छापामार कार्यवाही करते हुए खरखोदा के वीर खेड़ा स्थित फैक्ट्री को सील कर दिया था। जांच पड़ताल के दौरान पता चला कि एवीमैक्स 400 और 200 एमजी के नाम से यह दवाइयां पैकिंग करके बाजार में उतारी गई हैं।
जांच पडताल के दौरान की गई छानबीन के बाद पता चला कि मैक्स रिलीफ केयर के नाम से सोलन हिमाचल प्रदेश में स्थित एक फैक्ट्री के नाम पर भी दवाइयां तैयार की जा रही है। बाद में स्वास्थय की टीम द्वारा सोलन पहुंचकर जब जांच की गई तो पता चला कि इस नाम की कोई फैक्ट्री हिमाचल प्रदेश के सोलन में है ही नहीं। इसी सिलसिले में शहर के भोपा रोड स्थित मेडिकल स्टोर यह कार्रवाई की गई है। छापामार कार्यवाही से बुधवार को जनपद के दवा कारोबारियों में हड़कंप मचा रहा। गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर जनपद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा कई अन्य क्षेत्रों में एक बड़ी दवा मंडी के रूप में विख्यात हो रहा है। जिसके चलते कई बार पुलिस द्वारा मुजफ्फरनगर के जिला परिषद बाजार में दवा कारोबारियों के यहां छापामार कार्यवाही की जा चुकी है। इसके अलावा कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान कालाबाजारी करने के आरोपों में सिटी मजिस्ट्रेट ने टॉप सर्जिकल के यहां जांच पड़ताल करते हुए मेडिकल स्टोर स्वामी को कड़ी हिदायत दी थी।