ग्लेशियर टूटने से UP में हाई अलर्ट, मुजफ्फरनगर में कंट्रोल रूम स्थापित
हाई अलर्ट के चलते पुलिस-प्रशासन एक्टिव मोड पर है। गंगा के किनारे बसे गांवों के लोगों को सूचित कर दिया गया है।
मुज़फ्फरनगर। उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के बाद उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। हाई अलर्ट के चलते पुलिस-प्रशासन एक्टिव मोड पर है। गंगा के किनारे बसे गांवों के लोगों को सूचित कर दिया गया है। वहीं कोविड कंट्रोल रूम के बराबर में ही बाढ़ की आशंका के मद्देनजर कंट्रोल रूम बना दिया गया है, जो कि 24 घंटे संचालित रहेगा। अधिकारी पल-पल की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
उत्तराखंड के चमौली में आज सुबह के समय ग्लेशियर फटने से तबाही मच गई। जहां एक बांध क्षतिग्रस्त हो गया, वहीं 100 लोगों के बहने की आशंका जताई गई हैं। अलंकनंदा का जल स्तर काफी बढ़ा हुआ है। ग्लेशियर फटने की घटना को देखते हुए उत्तर प्रदेश में भी हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। हाई अलर्ट के चलते प्रशासन पूरी तरह से एक्टिव मोड पर है। मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन परिस्थतियों पर नजर रखे हुए है और प्रत्येक स्थिति से निपटने को तैयार है। जनपद के आधा दर्जन गांवों में पानी आने की संभावना के चलते प्रशासनिक अधिकारियों ने इंतजामात करने शुरू कर दिये हैं। जनपद के भोपा और रामराज थाना क्षेत्र के दो दर्जन से भी अधिक गांवों में प्रशासन द्वारा अलर्ट जारी किया गया है और टीमों को रवाना कर दिया गया है। एडीएम राजस्व व वित्त आलोक कुमार ने गंगा बैराज पर मोर्चा संभाल लिया है। उन्होंने बताया कि सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है। यदि अतिरिक्त पानी आता है, तो पहले से ही सूचना मिल जायेगी। फिलहाल कहीं भी ऐसी स्थिति नहीं है। उन्होंने बताया कि मीडिया ग्रुप बने हुए हैं, जिनके चलते नदी के किनारे बसे गांव वालों को भी सूचित कर दिया गया है। यदि जरूरत पड़ती है, तो उक्त गांवों को तुरंत खाली करा दिया जायेगा। सभी टीमें तैयार हैं। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. ने सभी टीमों को अलर्ट रहने के लिए कहा है और पल-पल की जानकारी ली जा रही है। उन्होंने बताया कि बाढ़ के मद्देनजर कोविड कंट्रोल रूम के बराबर में ही कंट्रोल रूम संचालित कर दिया गया है, जो 24 घंटे जा