बच्चों ने जाना- कैसें करें दैनिक जीवन में हर्बल का उपयोग
कोरोना महामारी के चलते अपनी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को कैसे बढ़ाएं, इसके संबंध में जानकारी प्राप्त की।
मुजफ्फरनगर। श्रीराम काॅलेज ऑफ फार्मेसी में दैनिक जीवन में हर्बल का किस प्रकार उपयोग करें और कोरोना महामारी के चलते अपनी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को कैसे बढ़ाएं, इसके संबंध में जानकारी प्राप्त की।
श्रीराम काॅलेज ऑफ फार्मेसी द्वारा 'दैनिक जीवन में हर्बल का उपयोग और कोरोना महामारी के दौरान प्रतिरक्षा को बढावा देना' विषय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। बीजी विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग के प्रधानाचार्य डाॅ. के. सरवनन ने मुख्य वक्ता के रूप में प्रतिभाग किया। उन्होंने बीफार्मा व डीफर्मा के छात्र-छात्राओं को बताया कि कैसे हम अपने दैनिक जीवन में हर्बल का उपयोग कर सकते है। उन्होंने इसके महत्व के बारे में प्रकाश डाला। साथ ही कोरोना महामारी के दौरान अपनी प्रतिरोधक क्षमता को किस प्रकार बढ़ाया जाये, जिससे कोरोना जैसी महामारी से बचा जा सके, के संबंध में भी छात्रों के साथ विस्तार से चर्चा की।
व्याख्यान के दौरान छात्र-छात्राओं ने उत्साह दिखाते हुए प्रश्न किये, जिनके जवाब डाॅ. सरवनन ने देकर बच्चों का ज्ञानार्जन किया। डाॅ. सरवनन ने हर्बल के भौगौलिक वितरण तथा सर्वभौमिक उपयोग के बारे में जानकारी दी। छात्र-छात्राओं ने जाना कि किस प्रकार अनेक प्रकार की आयुर्वेदिक दवाओं में हर्बल का उपयोग किया जाता है।
उन्होंने कहा कि रोग प्रतिरोधक क्षमता अगर मजबूत बनी रहती है, तो यह हमें कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों से भी सुरक्षा प्रदान करती है। सर्दी, खांसी और बुखार जैसी स्थिति मजबूत इम्युनिटी वाले लोगों को जल्दी परेशान नहीं करती है। श्रीराम काॅलेज ऑफ फार्मेसी के निदेशक डाॅ. गिरेन्द्र गौतम ने कहा कि नियमित लैक्चर के साथ-साथ गेस्ट लैक्चर का होना छात्र-छात्राओं के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है, जिससे उनको अपने कैरीकुलम के साथ-साथ अन्य जानकारियां भी मिलती हैं, जोकि भविष्य मे उन्हे कैरियर बनाने मे सहायक सिद्ध होती है। इस मौके पर संस्था के चेयरमैन डाॅ. एससी कुलश्रेष्ठ ने मुख्य अतिथि डाॅ. के. सरवनन को धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में छवि गुप्ता, श्वेता पुण्डीर, सोनू, टिंकू कुमार, रोहित मलिक, रोहिनी गुप्ता, विकास कुमार, अजय कुमार, सलमान, उज्जवल शर्मा, शिवम त्यागी, रवि कुमार, शफकत जैदी, साबिया परबीन, अतुल कुमार आदि का योगदान रहा।
रिपोर्टः प्रवीण गर्ग