अजब-गजब: थानों पर बिना किसी हंगामे के भाकियू का धरना प्रदर्शन
पड़ोसी जनपद बागपत में पिछले 40 दिनों से कृषि बिलों के विरोध में धरना देकर आंदोलन कर रहे किसानों को पुलिस द्वारा उठाए
मुजफ्फरनगर। पड़ोसी जनपद बागपत में पिछले 40 दिनों से कृषि बिलों के विरोध में धरना देकर आंदोलन कर रहे किसानों को पुलिस द्वारा उठाए जाने के खिलाफ भाकियू के आह्वान पर जनपद के थानों पर धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम बगैर किसी अतिरिक्त हल्ले-गुल्ले और हंगामे के शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हो गया। इस दौरान भाकियू कार्यकर्ता बैकफुट पर दिखाई दिए और शांतिपूर्ण तरीके से अपने ज्ञापन प्रभारी निरीक्षकों को देकर वापस लौट गए।
बृहस्पतिवार को भाकियू के जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान के आह्वान पर बागपत के दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर पिछले 40 दिनों से धरनारत किसानों को उठाए जाने के विरोध में भाकियू कार्यकर्ताओं ने जनपद के खतौली, जानसठ, मीरापुर, रामराज, ककरौली, भोपा, भौंराकलां, पुरकाजी और बुढाना आदि थानों के बाहर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए पूरे साजो सामान के साथ थानों के मुख्य द्वारों पर मौजूद रही। आमतौर पर छोटे-छोटे मामलोें को लेकर हल्ला बोलते हुए थानों में घुसकर हुंकार भरने वाले भाकियू कार्यकर्ता दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान की जा रही पुलिस की धरपकड़ की कार्रवाई से बृहस्पतिवार को थानों पर धरना प्रदर्शन के दौरान बैकफुट पर दिखाई दिए।
किसी भी भाकियू पदाधिकारी या कार्यकर्ता ने जनपद के किसी भी थाने में जबरिया घुसने की कोशिश नहीं की और थानों के बाहर ही दरी बिछाकर शांतिपूर्ण ढंग से बैठकर धरना प्रदर्शन की औपचारिकताएं पूरी की। घंटों तक बवाल मचाने वाले भाकियू कार्यकर्ताओं का आज अलग ही रूप दिखाई दिया और सांकेतिक रूप से धरना प्रदर्शन करने के बाद प्रभारी निरीक्षक अपने ज्ञापन देकर आराम के साथ अपने घरों को वापस लौट गए।
उधर जनपद में सभी थानों में जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान द्वारा धरना प्रदर्शन के आह्वान पर भाकियू के मंडल महासचिव राजू अहलावत ने बयान दिया है कि हाईकमान का आदेश था कि दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे संयुक्त किसान मोर्चा के धरने को उठाने का प्रयास किया जाएगा। इसलिए सभी भाकियू कार्यकर्ता और पदाधिकारी अलर्ट रहे। अगर सरकार कोई गलत हरकत करती है तो अपने लोगों को लेकर सड़क पर उतर जाओ। उन्होंने आरोप लगाया कि राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर लालकिले पर जो शर्मनाक घटना हुई है, वह किसानों को बदनाम करने के लिए कराई गई है।
उन्होंने कहा कि जिसने राष्ट्रीय धरोहर लालकिले पर झंडा लगाया, उसकी जांच हो कि वह किस का आदमी है और किस पार्टी का स्टार प्रचारक है। भाकियू मंडलाध्यक्ष ने स्वीकार किया कि दिल्ली पुलिस द्वारा दिए गए रूट पर न चलना और समय से पहले ट्रैक्टर परेड के लिए निकलना हमारा फैलियर था। उन्होंने कहा कि दिल्ली मेें सिर्फ पुलिसकर्मी ही नहीं किसान भी घायल हुए हैं। भाकियू जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान के आह्वान पर कार्यकर्ताओं द्वारा थानों पर धरना प्रदर्शन किये जाने के बारे में पूछे जाने पर भाकियू मंडलाध्यक्ष ने कहा कि थानों पर प्रदर्शन की जानकारी मुझे नहीं है, ना ही हाईकमान को है, कहीं ना कहीं मिस हैंडलिंग है संगठन में।
उन्होंने कहा कि थोड़ी देर में हम बोल देंगे। सभी भाकियू कार्यकर्ता थानों पर धरना प्रदर्शन से उठ जाएंगे। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार को हमने भी वोट दी है, कहीं ऐसा ना हो कि हमें कुछ और सोचना पड़े। उन्होंने कहा कि अगर गाजीपुर बॉर्डर पर हमारे किसानों और नेताओं को पुलिस द्वारा उठाने का जबरन प्रयास किया गया तो पूरे उत्तर प्रदेश के हाईवे जाम रहेंगे।