विपक्ष का सम्मान पाये अटल जी सांस्कृतिक मूल्यों के पोषक थे-नरेश

चौधरी छोटू राम महाविद्यालय में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की जयंती धूमधाम के साथ मनाई गई।

Update: 2020-12-25 11:07 GMT

मुजफ्फरनगर- चौधरी छोटू राम महाविद्यालय में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की जयंती धूमधाम के साथ मनाई गई। इस मौके पर विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को पुरूस्कार देकर सम्मानित किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य ने पूर्व प्रधानमंत्री को भारतीय संस्कृति के मूल्यों को पोषक राजनीतिक व्यक्तित्व बताया। 

शुक्रवार को सरकुलर रोड स्थित चौधरी छोटूराम महाविद्यालय में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई का जन्म दिवस प्राचार्य डॉ नरेश मलिक की अध्यक्षता में धूमधाम से मनाया गया। प्राचार्य नरेश मलिक ने कहा कि भारत रत्न वाजपेई बेदाग, सशक्त ,कुशल, प्रशासक और सभी को मंत्रमुग्ध करने वाले नेता थे जो कि विरोधियों के साथ भी कदम से कदम मिलाकर चलते थे। वे एकमात्र ऐसे नेता थे, जो अपनी पार्टी में नहीं बल्कि विपक्षी पार्टियों में भी समान रूप से सम्मानीय रहे। ये उदार, विवेकशील ,निडर ,सरल ,सहज राजनेता के रूप में जहां इनकी छवि अत्यंत लोकप्रिय रही है। वहीं एक ओजस्वी वक्ता, कवि की संवेदनाओं से भरपूर इनका भावुक हृदय भारतीय संस्कृति मूल्यों के प्रति आस्थावान रहा और इनका व्यक्तित्व सभी को प्रभावित करता है। इस अवसर पर अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे तथा वाजपेई जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। आज महाविद्यालय में एक भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था। क्विज, काव्य पाठ, निबंध तथा चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन 21 से 23 दिसंबर के मध्य किया गया था। जिन छात्र छात्राओं ने प्रतियोगिताओं में प्रथम ,द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया था उन्हें आज पुरस्कार भी वितरित किए गए। भाषण प्रतियोगिता में खुशबू अंसारी को प्रथम स्थान, आरती को द्वितीय स्थान तथा खुशबू को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।


क्विज प्रतियोगिता में महक को प्रथम स्थान, एकता को द्वितीय तथा भावना को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। निबंध प्रतियोगिता में खुशबू अंसारी को प्रथम, आर्यन शर्मा को द्वितीय तथा प्राची को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। चित्रकला प्रतियोगिता में तनु काकरान को प्रथम, रिया उपाध्याय को द्वितीय तथा आयुषी धीमान को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। कार्यक्रम का संचालन रोवर लीडर डॉ हरिओम शर्मा ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ विजय ढाका ,डॉ आर के सिंह, डॉ एके सिंह, डॉ गिरिराज सिंह, डॉ केपी सिंह, डॉ अरुण कुमार, डॉ ओमबीर ,डॉ गिरीराजकिशोर ,डॉ एसके सिंह, डा. मान, डा. वीरेंद्र सिंह , डा. केपी मलिक ,डा. आई डी शर्मा, डा. हर्षिता ,डा. जॉनी ,डा. दुष्यंत डा. अभिषेक ,डा. सुधीर , तृतीय एवं चतुर्थ कर्मचारी गण आदि का विशेष योगदान रहा।

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