प्रमुख सचिव परिवहन का निर्देश- डिजीलाकर या एम परिवहन एप पर उपलब्ध वाहनों के अभिलेख माने जायेंगे वैध

प्रमुख सचिव परिवहन का निर्देश- डिजीलाकर या एम परिवहन एप पर उपलब्ध वाहनों के अभिलेख माने जायेंगे वैध
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लखनऊ। अब वाहन ड्राइव करते समय गाडी से सम्बन्धित दस्तावेज व ड्राइविंग लाईसेंस आदि साथ लेकर चलने की जरूरत नही हैं। उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव ने दिशा-निर्देश जारी किये हैं कि डिजीलाॅकर य एम-परिवहन एप पर उपलब्ध दस्तावेजों को ही ऑरिजनल दस्तावेज की तरह माना जायेगा और पुलिस या परिवहन विभाग के अफसर आपका चालान नहीं कर पायेंगे। उन्होंने परिवहन आयुक्त एवं पुलिस महानिदेशक से उक्त दिशा-निर्देशों को कड़ाई लागू करने को कहा है।


ज्ञात हो कि सुरक्षा कारणों सहित विभिन्न कारणों से अक्सर दोपहिया वाहनों के चालक सम्बन्धित दस्तावेज साथ रखने में असुरक्षित महसूस करते थे, क्योंकि दुपहिया वाहनों (मोटरसाइकिल आदि) में कागजात अथवा अन्य सामान को सुरक्षित रखने की जगह अक्सर नहीं होती है। इस कारण चैकिंग में पकड़े जाने के बाद अक्सर विवाद की स्थिति बन जाती थी। अब सरकार ने इसका तोड़ निकाल लिया है। वाहन चालक विशेष रूप से मोटरसाइकिल चालक अब अपने सम्बन्धित दस्तावेज डजीलाकर अथवा एम-परिवहन एप पर सुरक्षित रख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर जांचकर्ता को दिखा भी सकेंगे। उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव अरविन्द कुमार ने दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि डिजीलाकर अथवा एम-परिवहन एप पर उपलब्ध वाहनों के अभिलेख वैध माने जायेंगे। उन्होंनें परिवहन आयुक्त एवं पुलिस महानिदेशक को इसे कड़ाई लागू करने के निर्देश भी दिए हैं।


बता दें कि केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा डिजीलाकर प्लेटफार्म अथवा एम-परिवहन मोबाइल एप इलेक्ट्रानिक फार्म में उपलब्ध वाहनों के डाक्यूमेंट जैसे पंजीयन प्रमाण-पत्र तथा ड्राइविंग लाइसेंस आदि मोटर यान अधिनियम, 1988 के तहत वैध माने जाने तथा परिवहन प्राधिकारियों द्वारा जारी प्रमाण प्रमाण-पत्र के समतुल्य समझे जाने संबंधी गाइड लाइन जारी की गई हैं। इसमें उल्लेख किया गया है कि प्रवर्तन कार्य के समय किसी भी अभियोग के अधिरोपित होने की स्थिति में वाहन के डाक्यूमेंट का जब्त करना आवश्यक हो तो डाक्यूमेंट को ई-चालान सिस्टम द्वारा जब्त किया जाये, जिससे जब्त डाक्यूमेंट की स्थिति सारथी/वाहन डाटावेस पर प्रदर्शित हो सके। किसी भी डाक्यूमेंट को जब्त करना आवश्यक नहीं होगा। प्रमुख सचिव अरविन्द कुमार ने बताया कि प्रचार-प्रसार के अभाव में आमजन इस सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे थे। उन्होंने प्रवर्तन कार्य की गाइड लाइन के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं अधिकारियों से इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए है।

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