लव जिहाद पर कानून में कौन आगे?

लव जिहाद पर कानून में कौन आगे?

नई दिल्ली। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी लव जिहाद पर अपना कानून बनाने के लिए राज्य सरकारों के अधिकार का समर्थन किया है। भाजपा शासित राज्यों में लव जिहाद के खिलाफ कड़ा कानून बनाने की लगभग तैयारी हो चुकी है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार और हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने लव जिहाद के खिलाुुफ कानून की रूपरेखा तैयार कर ली है। अब देखना यह है कि इस कानून को बनाने में कौन बाजी मारता है। अब तक के हालात देखते हुए लगता है सबसे पहले उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ही लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाएंगे।

उत्तर प्रदेश में सरकार की तरफ से कहा गया है कि जल्द ही लव जिहाद पर कानून बनाया जाएगा। गृह मंत्रालय ने कानून मंत्रालय को अपना प्रस्ताव भेज दिया है। बल्लभगढ़ में कथित लव जिहाद की आड़ में हुई युवती की हत्या के बाद उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और कर्नाटक ने ऐलान किया था कि हम नया कानून बनाएंगे। ताकि कानून में लोभ, लालच, दबाव, धमकी या शादी का झांसा देकर शादी की घटनाओं को रोका जा सके। योगी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि यूपी में अब ये नहीं चलेगा कि मिशन की तरह लड़कियों को बहलाकर धर्म परिवर्तन कराया जाए। ये उन जिहादियों को कड़ा संदेश है, जो इसकी आड़ में धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं। ऐसे लोगों को जेल में डालने की पूरी तैयारी है।

यूपी के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि इस तरह के मुद्दे राज्य के सांप्रदायिक सद्भाव को प्रभावित कर रहे थे, जिन्हें गंभीरता से लेने की आवश्यकता थी। जो लोग इस तरह के काम कर रहे हैं, उन्हें नाम बदलकर शादी करने और सामाजिक समरसता को बिगाड़ने की इजाजत नहीं होगी। सरकार ने पहले ही इसे कानून के रूप में लेने की योजना बनाई थी और प्रक्रिया शुरू हो गई है। मसौदा तैयार किया गया है और जल्द ही इसे सार्वजनिक डोमेन पर रखा जाएगा।

उधर, सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहले ही कहा था कि जैसा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में साफ कहा है कि महज शादी करने के लिए किया गया धर्म परिवर्तन अवैध होगा। प्रदेश सरकार इस बाबत सख्त प्रावधानों वाला कानून लाएगी और फिर ऐसी हरकत करने वालों का राम नाम सत्य ही होगा।

लव जिहाद के खिलाफ जो कानून बनने जा रहा है, उसमें धर्म परिवर्तन करने वाले को पहले राज्य सरकार और प्रशासन को एक निश्चित अवधि पहले नोटिस देना होगा। ताकि सरकारी आंकड़ों में एक-एक चीज दर्ज रहे। अपने-अपने घर वालों को भी सूचना देना लाजिमी है ताकि वो अपनी ओर से एहतियात बरत सकें। ये एहतियात कानूनी यानी विरासत या वसीयत संबंधित, नैतिक या फिर पारिवारिक भी हो सकते हैं। सिर्फ विवाह या बहु पत्नी विवाह की सुविधा के मकसद से भी धर्म परिवर्तन करना अवैध घोषित हो। इसकी सजा भी सिर्फ नाम मात्र की नहीं बल्कि सख्त हो। यानी अपनी आस्था का मार्ग तय करने की संवैधानिक स्वच्छंदता तो हो, लेकिन एक कानूनी प्रक्रिया के तहत। सिर्फ जबानी जमा खर्च से ना हो बल्कि पूरे कानूनी हिसाब से हो।

मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने भी लव जिहाद पर प्रस्तावित कानून पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी की लड़की यदि धर्म परिवर्तन कर शादी करती है तो उसको मिलने वाला लाभ भी खत्म होना चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि लव जिहाद कानून में आरक्षण का लाभ भी समाप्त किया जाए। बता दें कि प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने 17 नवम्बर को कहा कि राज्य सरकार अगले विधानसभा सत्र में लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने जा रही है, जिसमें लव जिहाद करने वाले शख्स को 5 साल तक के कठोर कारावास की सजा का प्रावधान रहेगा। ये गैर जमानती अपराध घोषित किया जाएगा। नरोत्तम मिश्रा के इस ऐलान के साथ ही कांग्रेस भी आक्रामक मोड में आ गई। कांग्रेस ने गृह मंत्री के इस बयान का विरोध करते हुए कहा कि बीजेपी असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरीके के मुद्दे उठाती रहती है।

उधर, प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लव जिहाद पर कानून बनाने का निर्णय स्वागत योग्य है। गृह मंत्री ने इसकी जानकारी भी दी। रामेश्वर शर्मा ने कहा कि लव जिहाद कानून के अंतर्गत अपहरण, बलात्कार, हत्या, डराने धमकाने के जैसी धाराओं को जोड़ा जाए। इसके साथ हम विचार करेंगे कि अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग की बहन,बेटी यदि धर्म परिवर्तन कर मुसलमान या ईसाई से शादी करती है तो उनके आरक्षण संबंधी सभी सुविधाएं खत्म हो जानी चाहिए, क्योंकि न तो वो हिंदू रहेगी और न ही अनुसूचित जाति/जनजाति से रहेगी।

हरियाणा के बल्लभगढ़ में कथित लव जिहाद की आड़ में हुई युवती की हत्या के बाद अब कई राज्य इसे लेकर कानून बनाने जा रहे हैं। विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) सहित कुछ संगठन भी इसमें अपने सुझाव देने को आगे बढ़े हैं। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और कर्नाटक ने तो ऐलान भी कर दिया है कि इस संवेदनशील मसले पर विधानसभा में सरकार सख्त प्रावधानों वाले विधेयक लाएगी। राज्य सरकारों की ओर से लाए गए प्रावधानों में लोभ, लालच, दबाव, धमकी या शादी का झांसा देकर धर्म परिवर्तन करने की आए दिन होने वाली घटनाओं पर समय रहते निगरानी रखी जा सके। साथ ही यह भी ध्यान देने वाली बात है कि इस मसले पर अब तक बीजेपी शासित राज्यों की सरकारें ही मुखर हैं, जबकि कांग्रेस या अन्य गैर बीजेपी राज्य मसलन पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और केरल या फिर छत्तीसगढ़ की सरकारें चर्चा तक नहीं कर रहीं।

बहरहाल सबसे पहले इस मसले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मुखर हुए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जैसा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में साफ कहा है कि महज शादी करने के लिए किया गया धर्म परिवर्तन अवैध होगा। प्रदेश सरकार इस बाबत सख्त प्रावधानों वाला कानून लाएगी और फिर ऐसी हरकत करने वालों का राम नाम सत्य ही होगा। इसी तरह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कानून व्यवस्था के हालात की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक में साफ कहा कि बेटियों के साथ ऐसी धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ सरकार सख्त कानून बनाएगी। विवाह का झांसा देकर धर्म परिवर्तन नैतिक रूप से तो अवैध है ही इसे कानूनी तौर पर भी गैर कानूनी बनाया जाएगा। (हिफी)

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